जबलपुर नगर निगम में कचरा परिवहन घोटाला: EOW ने तीन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की FIR, जल्द होगी गिरफ्तारी

ब्लेक शर्ट में विनोद श्रीवास्तव और ब्राउन शर्ट में अनिल जैन 
दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर नगर निगम में 2014 में हुए कचरा परिवहन घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने 11 साल बाद मामले की जांच पूरी कर तीन अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है।

कैसे हुआ घोटाला?

तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी विनोद श्रीवास्तव, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल जैन और नेताजी सुभाषचंद्र बोस सफाई कामगार सहकारी समिति के अध्यक्ष हेमंत करसा ने मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और ठेकेदार को 8.20 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान कर दिया। इस गड़बड़ी की शिकायत नगर निगम के तत्कालीन मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक (CSI) केके दुबे ने की थी।

जांच में हुआ खुलासा

सीएसआई केके दुबे ने जब पदभार संभाला तो पाया कि सफाई कर्मचारी कम संख्या में काम कर रहे थे और वरिष्ठ अधिकारियों को अधूरी जानकारी दी जा रही थी। जब उन्होंने जांच कर नोटशीट संभाग कार्यालय भेजी, तो पता चला कि अधिकारियों ने फर्जी बिल बनाकर ठेकेदार को अधिक भुगतान कर दिया।

FIR दर्ज, जल्द होगी गिरफ्तारी

मामले की गंभीरता को देखते हुए 16 मार्च 2025 को EOW ने विनोद श्रीवास्तव, अनिल जैन और हेमंत करसा के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) के तहत अपराध दर्ज किया। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है।

 तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर ने अधिकारियों पर की थी कार्रवाई

नगर निगम कमिश्नर ने तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी विनोद श्रीवास्तव को पद से हटाकर प्रधान लिपिक बना दिया था, जबकि सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल जैन को निलंबित कर दिया गया था। अनिल जैन जून 2023 में रिटायर हो गए है, जबकि विनोद श्रीवास्तव पहले ही सेवानिवृत्त हो चूका था।

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