दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर कलेक्टर और एसपी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है और याचिकाकर्ता के खिलाफ जिलाबदर की गई कार्रवाई को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह फैसला कानून के आधार पर नहीं, बल्कि राजनीतिक दबाव में लिया गया लगता है।
पनागर थाना क्षेत्र के गांव लमती निवासी संतोष पटेल पर जुआ, सट्टा और अवैध शराब से जुड़े 13 से ज्यादा मामले दर्ज थे। इसी आधार पर जबलपुर कलेक्टर ने 25 अक्टूबर 2024 को उसे जिले से बाहर करने का आदेश दिया था। संतोष ने पहले संभागीय कमिश्नर के समक्ष इस आदेश को चुनौती दी, लेकिन वहां उसका आदेश बरकरार रखा गया। इसके बाद उसने हाईकोर्ट में अपील दायर की।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या संतोष पटेल के खिलाफ ऐसे गंभीर अपराध दर्ज हैं, जिनमें जिलाबदर की कार्रवाई जरूरी हो? जब इस पर ठोस जवाब नहीं मिला, तो कोर्ट ने आदेश को गलत ठहराते हुए इसे रद्द कर दिया।
संतोष पटेल के वकील निधीश पांडे ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज कोई भी मामला भारतीय दंड संहिता के उन प्रावधानों के अंतर्गत नहीं आता, जिनमें जिलाबदर की कार्रवाई अपेक्षित होती है।
कोर्ट ने जबलपुर कलेक्टर और एसपी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया और कहा कि यह कार्रवाई कानून के मुताबिक नहीं, बल्कि राजनीतिक दबाव में की गई थी।