दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। कलेक्ट्रेट का रिकॉर्ड रूम अब पूरी तरह आधुनिक स्वरूप में नजर आएगा। कलेक्टर दीपक सक्सेना की पहल पर इसके जीर्णोद्धार का कार्य किया गया है, जिससे यह प्रदेश का सबसे बेहतर और सुंदर रिकॉर्ड रूम बनने जा रहा है।
पुराने और जर्जर रिकॉर्ड रूम का हुआ कायाकल्प
पहले रिकॉर्ड रूम की हालत बेहद खराब थी, जहां धूल और अव्यवस्था के कारण कर्मचारी भी जाने से कतराते थे। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया और इसके कायाकल्प की दिशा में कार्य शुरू किया।
दो लाख से अधिक फाइलों का संरक्षण
रिकॉर्ड रूम में दो लाख से अधिक फाइलें संग्रहीत हैं, जिनमें 1909-10 के पुराने ऐतिहासिक दस्तावेज भी शामिल हैं। इन धूलभरी फाइलों की सफाई कर उन्हें पॉलिथीन में सुरक्षित रखा गया और प्लास्टिक बॉक्स में रखा गया, जिससे इनकी उम्र करीब 20 साल बढ़ गई है।
डिजिटलाइजेशन से होगा आसान रिकॉर्ड प्रबंधन
आधुनिकीकरण के तहत सभी रिकॉर्ड कंप्यूटर पर अपलोड किए जा रहे हैं। अब किसी भी व्यक्ति को सिर्फ प्रकरण नंबर डालकर आवश्यक रिकॉर्ड तुरंत मिल सकेगा। साथ ही यह भी पता चलेगा कि संबंधित फाइल किस रैक, किस लाइन और किस बॉक्स में रखी गई है।
डेढ़ करोड़ की लागत से हो रहा सुधार कार्य
इस पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है, जिसमें से अब तक 70 लाख रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं। कलेक्टर दीपक सक्सेना इससे पहले भी इस तरह के कार्य कर चुके हैं, लेकिन जबलपुर का रिकॉर्ड रूम अपनी विशालता और रिकॉर्ड की अधिकता के कारण विशेष महत्व रखता है।