Jabalpur News: मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड की मुश्किलें बढ़ीं, हाईकोर्ट ने टेम्परेरी सीईओ को भी माना अक्षम

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में, एमपी हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) मोहम्मद अहमद खान को अक्षम घोषित कर दिया और उनके द्वारा पारित सभी आदेशों को शून्य कर दिया। इस फैसले के खिलाफ वक्फ बोर्ड भोपाल ने रिट अपील दायर की, लेकिन हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने भी सिंगल बेंच के फैसले को बरकरार रखा।

मोहम्मद अहमद खान के बाद हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड के एक अन्य सीईओ, सैयद शाकिर अली जाफरी, की नियुक्ति को भी अक्षम घोषित किया। इसके बाद, राज्य शासन के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने उन्हें उनके मूल विभाग में वापस भेज दिया।

इस बीच, वक्फ बोर्ड के वर्तमान टेम्परेरी सीईओ डॉ. फरजाना गजाल की नियुक्ति को भी एमपी हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया। कोर्ट ने कहा कि उनकी नियुक्ति वक्फ अधिनियम, 1995 (संशोधित 2013) की धारा 23 के प्रावधानों के विपरीत है। इसके चलते, उनके द्वारा पारित सभी आदेशों पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।

वक्फ मस्जिद तहसील जीरन, जिला नीमच की इंतेजामिया कमेटी के गठन को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया। इस कमेटी के गठन के खिलाफ वहां के उपाध्यक्ष अख्तर हुसैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने पाया कि कमेटी में अयोग्य व्यक्तियों को शामिल किया गया था और वक्फ स्कीम के नियमों का उल्लंघन हुआ। इस पर न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने कमेटी के गठन आदेश पर स्टे (रोक) लगा दी।

लगातार कानूनी अड़चनों और हाईकोर्ट के फैसलों से वक्फ बोर्ड की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अब बोर्ड के सामने सबसे बड़ी चुनौती एक योग्य और स्थायी सीईओ की नियुक्ति करना है, ताकि प्रशासनिक कार्य सुचारू रूप से चल सके।

Post a Comment

Previous Post Next Post