Jabalpur News: डीजीपी के निर्देश पर पूरी रात फील्ड में डटे रहे पुलिस अधिकारी

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना के निर्देश पर शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात जिलेभर में पुलिस अधिकारियों ने फील्ड पर रहकर कानून व्यवस्था का निरीक्षण किया। इस दौरान डीआईजी, एसपी, एएसपी, सीएसपी और एसडीओपी समेत सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सड़कों पर उतरे और सुरक्षा व्यवस्था को परखा। पूरे जिले में पुलिस हाई अलर्ट पर रही, जिससे अपराधियों में खौफ और आम जनता में सुरक्षा का भरोसा बढ़े।

सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा, अधिकारियों को दिए निर्देश

डीजीपी के आदेश के तहत शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस अधिकारियों ने गश्त, नाकाबंदी और थाना निरीक्षण किया। उन्होंने सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। इस निरीक्षण अभियान को सिर्फ एक रात तक सीमित न रखते हुए इसे आने वाले दिनों में भी जारी रखने की योजना है। सूत्रों के मुताबिक, यह अभियान अचानक सर्विलांस चेकिंग और औचक निरीक्षण के रूप में भी लागू किया जा सकता है।

अपराधियों और लापरवाह पुलिसकर्मियों के लिए सख्त संदेश

डीजीपी कैलाश मकवाना का यह कदम अपराधियों और लापरवाह पुलिस अधिकारियों के लिए एक कड़ा संदेश माना जा रहा है। नागरिकों को भी उम्मीद है कि इस विशेष अभियान से शहर की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी और अपराधों पर सख्ती से लगाम कसी जाएगी।

डीआईजी और एसपी ने खुद संभाला मोर्चा

विशेष अभियान के तहत डीआईजी अतुल सिंह रातभर निर्देशों का पालन कराने के लिए फील्ड में मौजूद रहे। एसपी सम्पत उपाध्याय रात 11 बजे से 2 बजे तक निरीक्षण अभियान में शामिल रहे। उन्होंने थाना हनुमानताल और थाना माढ़ोताल पहुंचकर संपूर्ण व्यवस्थाओं का जायजा लिया और लंबे समय से फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए।

एएसपी-सीएसपी ने भी किया थानों का निरीक्षण

एएसपी सिटी आनंद कलादगी – थाना अधारताल पहुंचे।

एएसपी समर वर्मा – थाना बरगी का निरीक्षण किया।

एएसपी सूर्यकांत शर्मा – थाना बरेला का जायजा लिया।

सीएसपी और एसडीओपी – अपने-अपने अनुभागों में दो-दो थानों का निरीक्षण किया।

रातभर पुलिस अधिकारियों के वाहन शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक दौड़ते रहे। सुबह से ही शहर में इस विशेष अभियान की चर्चा रही, जिससे नागरिकों ने पुलिस की सक्रियता को सराहा। अब देखना होगा कि इस अभियान से प्रदेश की कानून व्यवस्था पर कितना असर पड़ता है।

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