Jabalpur News: वक्फ कानून में बदलाव बर्दाश्त नहीं करेंगे : मुफ्ती-ए-आजम मध्यप्रदेश

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। पवित्र रमजान माह के समापन के बाद देशभर में ईद का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जबलपुर के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी ईद की खुशियां देखने को मिलीं। ईदगाह कलां रानीताल में हजारों मुस्लिम भाइयों ने सामूहिक रूप से ईद की नमाज अदा की। इस अवसर पर मुफ्ती-ए-आजम मध्यप्रदेश मौलाना मुशाहिद रजा ने देश में प्रस्तावित वक्फ कानून में बदलाव को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार यदि इस कानून में बदलाव करना चाहती है तो इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुफ्ती-ए-आजम ने कहा कि इस्लाम वह धर्म है, जिसने जीवन के हर पहलू पर मार्गदर्शन दिया है। प्रत्येक मुसलमान पर पांच वक्त की नमाज अनिवार्य है, लेकिन बीमार, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे परिस्थितियों के अनुसार छूट प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए और अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखते हुए दीनी तालीम दिलानी चाहिए।

वक्फ कानून में बदलाव का विरोध

मौलाना मुशाहिद रजा ने वक्फ कानून में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा जमाने की है। वक्फ संपत्तियां गरीबों और जरूरतमंदों के लिए होती हैं, लेकिन सरकार इन्हें अपने हित में उपयोग करना चाहती है। उन्होंने इस कानून में किसी भी प्रकार के बदलाव की पुरजोर मुखालफत करने की बात कही। उन्होंने आगे कहा कि कुरान-ए-अजीम इंसानियत को सच्चा मार्ग दिखाने वाली अंतिम किताब है और हुजूर साहब के बाद नबूवत का दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो गया है।

उन्होंने उन शक्तियों को चेतावनी दी जो इस्लाम के खिलाफ कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि जिन्होंने भी इस्लाम को मिटाने की कोशिश की, उनका नाम तक लेने वाला कोई नहीं बचा। उन्होंने मुसलमानों से कुदरत के कानून को समझने का आह्वान किया और कहा कि जिस पेड़ को जितना काटा जाता है, वह उतना ही हरा-भरा हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जकात का उपयोग गरीबों की मदद के लिए किया जाना चाहिए, न कि दिखावे के लिए।

वक्फ का सही उपयोग जरूरी

इस अवसर पर राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक एसके मुद्दीन ने सरकार द्वारा वक्फ कानून में किए जा रहे संभावित बदलावों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अब तक वक्फ संपत्तियों को स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया गया है और इससे मुस्लिम समाज को कोई फायदा नहीं हुआ। अगर वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग किया जाता तो मुस्लिम युवाओं की आज यह स्थिति न होती। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य वक्फ प्रबंधन को पारदर्शी बनाना है, जिससे मुस्लिम समाज की दशा और दिशा सुधर सके।


ईद की खुशियों में शामिल हुए जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी

ईद के मौके पर विधायक लखन घनघोरिया, हाजी मोहम्मद कदीर सोनी, दिनेश यादव, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम अमरीश मिश्रा, जिलाध्यक्ष कांग्रेस डॉ. नीलेश जैन, अनुराग जैन गड़वाल, पार्षद अयोध्या तिवारी, संतोष पंडा, टीकाराम कोष्टा, ताहिर अली, मदन लारिया सहित कई जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने मुस्लिम समाज को ईद की मुबारकबाद दी।

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