मोदी सरकार का बड़ा फैसला: आगामी जनगणना के साथ होगी जाति जनगणना

दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना को लेकर ऐतिहासिक फैसला लेते हुए इसे आगामी जनगणना प्रक्रिया में शामिल करने की घोषणा की है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि "राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने यह तय किया है कि अब जाति आधारित आंकड़े भी मुख्य जनगणना के साथ जुटाए जाएंगे।"

मंत्री वैष्णव ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि "वर्षों से कांग्रेस जाति जनगणना को सिर्फ एक राजनीतिक औजार की तरह इस्तेमाल करती रही है।" उन्होंने कहा कि 2010 में मनमोहन सिंह सरकार ने भी यह वादा किया था, लेकिन सिर्फ सर्वे कराकर खानापूर्ति की गई थी।

सरकार का मानना है कि जाति आधारित जनगणना से नीतियों के निर्माण में स्पष्टता आएगी और संसाधनों के न्यायसंगत वितरण की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा। इससे सामाजिक व आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्गों की वास्तविक स्थिति सामने लाई जा सकेगी।

गौरतलब है कि भारत में हर 10 साल पर जनगणना होती है। 2021 में यह प्रक्रिया होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टाल दिया गया। सूत्रों के अनुसार, अब नई जनगणना 2026 में प्रकाशित की जा सकती है।

भारत में पहली जनगणना 1872 में और स्वतंत्रता के बाद पहली बार 1951 में हुई थी। पिछली जनगणना 2011 में की गई थी, जिसमें देश की आबादी 121 करोड़ दर्ज की गई थी। अब 2025 की जनगणना से न केवल जनसंख्या, बल्कि जातिगत आंकड़े भी सामने आएंगे, जो आगे की सामाजिक संरचना और नीतियों का आधार बनेंगे।

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