दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। भोपाल की एक हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में सार्वजनिक उपयोग के लिए छोड़ी गई जमीन पर अतिक्रमण कर सरकारी कार्यालय स्थापित कर दिया गया। इस मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं और नगर निगम व अन्य संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
भोपाल निवासी निसार खान की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया कि ऐशबाग क्षेत्र में मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने एक कॉलोनी का निर्माण किया था। कॉलोनी में लगभग 12 हजार वर्गफीट भूमि को सार्वजनिक उपयोग के लिए छोड़ा गया था। लेकिन बाद में नगर निगम, लोक स्वास्थ्य विभाग और आंगनवाड़ी ने इस जमीन पर अपने कार्यालय और केंद्र स्थापित कर लिए।
याचिकाकर्ता के वकील केके अग्निहोत्री व अनमोल चौकसे ने अदालत में दलील दी कि नियमानुसार सरकारी विभागों को कार्यालय स्थापित करने के लिए अलग से जमीन आवंटित की जाती है। सार्वजनिक उपयोग के लिए छोड़ी गई भूमि पर इस प्रकार का अतिक्रमण न केवल अवैध है, बल्कि स्थानीय निवासियों के हितों के भी खिलाफ है।
प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए सभी अनावेदकों को नोटिस जारी कर आगामी सुनवाई में पक्ष रखने को कहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि सार्वजनिक सुविधाओं जैसे पार्क, सामुदायिक केंद्र या बच्चों के खेलने की जगह के लिए छोड़ी गई जमीन पर इस तरह के निर्माण से इलाके का संतुलन बिगड़ गया है।
अब अदालत के निर्देशों के बाद सभी की निगाहें आगामी सुनवाई पर टिकी हैं।