MP News: कांग्रेस नेता चिंटू चौकसे से जेल में मिले प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, बोले - "न्याय की लड़ाई कोर्ट के साथ सड़क पर भी लड़ेंगे"

दैनिक सांध्य बन्धु इंदौर। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सेंट्रल जेल पहुंचकर कांग्रेस पार्षद और नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे से मुलाकात की। जेल में बंद चिंटू चौकसे से मिलकर कांग्रेस नेताओं ने उन्हें भरोसा दिलाया कि पूरी पार्टी उनके साथ है और यह लड़ाई केवल कोर्ट में नहीं, बल्कि सड़क पर भी लड़ी जाएगी।

हरीश चौधरी ने मीडिया से कहा, "चिंटू चौकसे पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। उनके खिलाफ दर्ज केस पूरी तरह से झूठा और द्वेषपूर्ण है।" उन्होंने कहा कि चौकसे के भतीजे पर भी जानलेवा हमला हुआ, लेकिन उल्टा उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

दिग्विजय सिंह ने अस्पताल में की परिजनों से मुलाकात

रविवार रात वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भी अस्पताल पहुंचे और चिंटू चौकसे के घायल भतीजे से मुलाकात की। उन्होंने घटना को साजिश बताया और कहा कि यह लोकतंत्र और मानवता पर हमला है।

प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि एसपी, टीआई और प्रशासन के अधिकारी भाजपा के इशारों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "चिंटू चौकसे का कोई वीडियो ऐसा नहीं है जिसमें वे हिंसा करते नजर आ रहे हों, फिर भी उन्हें फंसाया गया। ये स्पष्ट रूप से राजनीतिक प्रतिशोध है।"

फावड़े और लोहे की रॉड से हमले का आरोप

एडीसीपी रामस्नेही मिश्रा के अनुसार, शनिवार रात को कपिल पाठक और चिंटू चौकसे के परिजनों के बीच विवाद हुआ, जो झगड़े में बदल गया। पाठक ने शिकायत में आरोप लगाया कि चौकसे और उनके साथियों ने उन पर फावड़े और लोहे की रॉड से हमला किया। कपिल के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं और मेडिकल रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है।

चिंटू समेत दो गिरफ्तार, अन्य आरोपी फरार

पुलिस ने चिंटू चौकसे और सुभाष यादव को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपी – रोहन, ईशान, राधेश्याम चौकसे समेत कई लोग अभी फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

घटना के तीन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिनमें आरोपी गाड़ियों में तोड़फोड़ और गाली-गलौज करते दिख रहे हैं। वहीं एक वीडियो में घायल कपिल पाठक को बाइक पर अस्पताल ले जाते हुए देखा गया है।

इस पूरे मामले ने इंदौर की राजनीति में उबाल ला दिया है। कांग्रेस इसे सत्ता का दुरुपयोग बता रही है, जबकि पुलिस का कहना है कि कार्रवाई तथ्यों और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर की गई है। 

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