दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर में संत राघव देवाचार्य के घर संदिग्ध गतिविधि से हड़कंप मच गया। संत ने पुलिस-प्रशासन को पत्र लिखकर घटना को गंभीरता से लेने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हालात पर नियंत्रण नहीं किया गया तो हालात पश्चिम बंगाल जैसे बन सकते हैं।
संत राघव देवाचार्य ने बताया कि उन्होंने 24 घंटे पहले ही पुलिस और प्रशासन को पत्र लिखकर संभावित खतरे के प्रति आगाह किया था। बावजूद इसके, कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि शनिवार को एक ऑटो से 5-6 लोग पहुंचे। इनमें से एक व्यक्ति किन्नर की वेशभूषा में था, जो आश्रम के मुख्य द्वार तक आया और 'बाबा बाहर निकल' चिल्लाते हुए दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगा। पुलिसकर्मी को देखकर वह बहाना बनाकर वहां से चला गया।
संत ने कहा कि अगर वे धार्मिक कार्य के लिए आए होते तो सभी लोग अंदर आते। उनका व्यवहार संदिग्ध था। उन्होंने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाया कि इतने गंभीर पत्र के बाद भी सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। अभी सिर्फ एक पीएसओ दिया गया है, जो मात्र 5-6 घंटे ही उपस्थित रहता है।
बूढ़ी माता पर टिप्पणी से भड़का था विवाद8 अप्रैल को हनुमानताल निवासी अब्दुल मजीद ने सोशल मीडिया पर बूढ़ी माता को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद साधु-संतों के नेतृत्व में थाने के बाहर जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। संत राघव देवाचार्य ने इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया और सख्त कार्रवाई की मांग की। इसके बाद पुलिस ने 11 अप्रैल को अब्दुल मजीद को गिरफ्तार किया और उस पर एनएसए की कार्रवाई की गई।
अब तक इस प्रकरण में संत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले पांच लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
तीन आरोपित जेल भेजे गए
संत राघव देवाचार्य के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में पुलिस ने आकिब अनवर (20), मोहम्मद फैजान (21) और सलमान (19) को गिरफ्तार कर बीएनएस की धारा 299, 296 और 351 के तहत कार्रवाई की है। न्यायालय ने तीनों को जेल भेज दिया है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।