दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश ने राजस्व रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण में बड़ी छलांग लगाई है। जबलपुर कलेक्ट्रेट में प्रदेश का पहला हाईटेक डिजिटल रिकॉर्ड रूम बनकर तैयार हो गया है। गुरुवार शाम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसका औपचारिक उद्घाटन किया। करीब 1.5 करोड़ रुपए की लागत से बने इस डिजिटल रिकॉर्ड रूम में 100 साल पुराने दस्तावेजों को स्कैन कर सुरक्षित रखा गया है।
रिकॉर्ड रूम अब पूरी तरह हाईटेक
इस रिकॉर्ड रूम में 1909-10 से लेकर अब तक के 48 लाख राजस्व दस्तावेजों में से 14 लाख को स्कैन कर डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित कर लिया गया है। अब केवल तहसील और नाम डालते ही एक क्लिक में रिकॉर्ड की जानकारी सामने आ जाएगी। रिकॉर्ड रूम को एयरकंडीशंड और बैंक लॉकर की तरह सुरक्षित बनाया गया है, जिसमें हर रैक और शेल्फ को यूनीक नंबर दिया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पहल को एक सराहनीय नवाचार बताते हुए कहा कि पहले पुराने दस्तावेजों को कपड़ों में लपेटकर रखा जाता था, जिससे उन्हें सुरक्षित रखना कठिन होता था। लेकिन अब यह व्यवस्था पूरी तरह बदल गई है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश सरकार सभी सेक्टरों में नवाचार को बढ़ावा दे रही है।
ऑनलाइन एप से घर बैठे मिलेगी जानकारी
जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना की पहल पर रिकॉर्ड को एक मोबाइल एप्लिकेशन से जोड़ा गया है। अब आवेदक घर बैठे भी इस एप के माध्यम से दस्तावेजों की जानकारी प्राप्त कर सकता है। दस्तावेजों को प्लास्टिक बैग में डालकर, कलर कोडिंग कर और डिटेल स्टिकर लगाकर सुरक्षित ढंग से रखा गया है।
प्रदेश के अन्य जिलों में भी होगी शुरुआत
इस हाईटेक रिकॉर्ड रूम की सफलता के बाद उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश के अन्य जिलों में भी इसी तरह के रिकॉर्ड रूम विकसित किए जाएंगे। इससे सरकारी दस्तावेजों की सुरक्षा और आमजन को सुविधा दोनों में बड़ा बदलाव आएगा।
‘माउंटेन मैन’ को मिला सम्मान
मुख्यमंत्री ने नवाचार की कड़ी में ‘माउंटेन मैन’ अंकित सेन को 5 लाख रुपए देने की घोषणा भी की, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित हो सकें।