दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। 17 साल पहले एक जज को स्टेशन देर से छोड़ने के आरोप में बर्खास्त किए गए ड्राइवर विजय सिंह भदौरिया को आखिरकार न्याय मिल गया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उसे तत्काल प्रभाव से बहाल करने के आदेश दिए हैं।
विजय सिंह भदौरिया भोपाल जिला कोर्ट में ड्राइवर के पद पर कार्यरत थे। साल 2006 में जब इलाहाबाद हाईकोर्ट के तत्कालीन जज भोपाल दौरे पर आए थे, तब विजय की ड्यूटी उन्हें रेलवे स्टेशन छोड़ने की थी। बताया गया कि 19-20 नवंबर की रात साइकिल पंक्चर हो जाने के कारण वह देर से पहुंचा, जिससे जज साहब की ट्रेन छूट गई। इसके बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई और नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।
ड्राइवर पर शराब के नशे में ड्यूटी पर आने का आरोप भी लगाया गया था, लेकिन इस मामले में उचित जांच और सुनवाई के अभाव की बात सामने आई। विजय ने 2008 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
जस्टिस संजीव सचदेवा और विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने कहा कि यह गलती इतनी बड़ी नहीं थी कि व्यक्ति की पूरी नौकरी ही खत्म कर दी जाए। कोर्ट ने तीन माह के भीतर सजा पर पुनर्विचार करने और विजय सिंह को तत्काल बहाल करने के निर्देश दिए। हालांकि, नो वर्क-नो पे के सिद्धांत के तहत उसे बर्खास्तगी की अवधि का वेतन नहीं मिलेगा।