दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। कैंट क्षेत्र में सैन्य भूमियों के प्रबंधन का कार्य देख रहे डिफेंस इस्टेट ऑफिसर (डीईओ) के हालिया नोटिस ने बंगला-बगीचा इलाक़े के निवासियों की चिंता बढ़ा दी है। डीईओ कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि जबलपुर कैंट स्थित बगीचों और बंगलों की जमीनों का भू-स्वामित्व भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के पास है और ये भूमियां भविष्य में सैन्य प्रशासन के उपयोग के लिए सुरक्षित रखी गई हैं।
नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के इन जमीनों का कोई भी क्रय-विक्रय या हस्तांतरण अवैध होगा। इसके साथ ही बगीचों की लीज भी पहले ही समाप्त हो चुकी है। इस खबर के सामने आते ही बगीचा-बंगला क्षेत्रों के लोग चिंतित हो गए हैं और वे विभाग की मंशा जानने के लिए प्रयासरत हैं।
कैंट के बगीचा और बंगला इलाक़ों के निवासियों को पहले भी कैंट बोर्ड द्वारा अतिक्रमणकारियों के रूप में चिन्हित कर वोटर लिस्ट से नाम काट दिए गए थे, जिसके बाद वे वेदखली की स्थिति में आ गए थे।
इस बीच छावनी किसान संघ ने एडवोकेट द्वारका प्रसाद वर्मा के निवास झिरिया सदर में बैठक बुलाई, जिसमें एडवोकेट राजेश कुशवाहा की अध्यक्षता में इस नोटिस पर चर्चा की गई। किसानों का कहना है कि वे ब्रिटिश शासन काल से पीढ़ी दर पीढ़ी इस भूमि पर खेती करते आ रहे हैं और बिना कारण डराए-धमकाए जाने से वे परेशान हैं।