दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर डायोसिस के पूर्व बिशप पीसी सिंह को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने मंगलवार को कर्नाटक के मंगलोर से गिरफ्तार कर लिया। उन पर मध्य प्रदेश के कटनी जिले में स्कूल की जमीन के अधिग्रहण पर मिले मुआवजे की राशि ₹2.45 करोड़ हड़पने का गंभीर आरोप है। ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया कि पीसी सिंह ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से यह रकम अपने निजी खाते में स्थानांतरित करवाई थी।
देशभर में दर्ज हैं 64 मामले
पीसी सिंह के खिलाफ देश के 9 राज्यों – दिल्ली, यूपी, एमपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, झारखंड और छत्तीसगढ़ में कुल 64 मामले दर्ज हैं। इनमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच भी शामिल है। उन्हें धोखाधड़ी और दस्तावेजों की कूट रचना के आरोप में पकड़ा गया है।
स्कूल की जमीन का मुआवजा हड़पने का आरोप
ईओडब्ल्यू के मुताबिक, पीसी सिंह और एनडीटीए चेयरमैन पाल दुपारे ने मिलकर कटनी के बास्लेय स्कूल की 0.22 हेक्टेयर भूमि के बदले रेलवे द्वारा दिए गए मुआवजे – ₹2,45,30,830 – को स्कूल या संस्था के आधिकारिक खाते में न डालते हुए निजी खातों में ट्रांसफर करा लिया। इसके लिए स्कूल प्राचार्य के नाम से कोर्ट में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।
दूसरा आरोपी अब भी फरार
इस मामले में पाल दुपारे अब भी फरार है। पीसी सिंह ने एनडीटीए से कोई आधिकारिक अनुमति नहीं ली थी, फिर भी उन्होंने मुआवजा राशि हड़पने की योजना को अंजाम दिया। फिलहाल मामले की आगे की जांच जारी है और पाल दुपारे की तलाश की जा रही है।
यह गिरफ्तारी मप्र में बड़े स्तर पर हो रही आर्थिक अपराधों की जांच में एक अहम सफलता मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, ईओडब्ल्यू अन्य राज्यों में भी पीसी सिंह से जुड़े मामलों को खंगाल रही है।