दैनिक सांध्य बन्धु गुना। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह रविवार को गुना दौरे पर रहे, जहां उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा को लेकर केंद्र सरकार की चुप्पी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, "डोनाल्ड ट्रंप कब क्या कह दें, कोई भरोसा नहीं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी हमें नागवार गुजरी है।"
दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसी तीसरे देश की मध्यस्थता भारत कभी स्वीकार नहीं करेगा। "हमारी विदेश नीति स्पष्ट है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दे द्विपक्षीय रूप से हल होंगे। ट्रंप खुद में एक इकाई हैं, उनकी बातों पर यकीन नहीं किया जा सकता। लेकिन प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख रखना चाहिए।"
उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, "जब चीन के साथ युद्ध हुआ था, तब पंडित नेहरू ने अटल बिहारी वाजपेयी की मांग पर संसद का सत्र बुलाया था। आज की स्थिति में कम से कम सर्वदलीय बैठक तो बुलाई ही जानी चाहिए।"
दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट कर प्रधानमंत्री से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की। उन्होंने लिखा कि "वाशिंगटन डीसी से आई घोषणाओं के संदर्भ में प्रधानमंत्री को सभी दलों को विश्वास में लेकर राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा कि हर समस्या का समाधान बातचीत से निकलता है। युद्ध आखिरी विकल्प होना चाहिए। पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ बन चुका है और उसकी सरकार आतंकियों को प्रोत्साहित करती है। इसके बावजूद भारत द्वारा शांति के प्रयासों के बाद भी पाकिस्तान की ओर से मिसाइल और ड्रोन हमले किए गए, जो अत्यंत निंदनीय हैं।
गुना प्रवास के दौरान दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की, आदिवासी परिवारों की समस्याएं सुनीं और विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इस दौरान विधायक जयवर्धन सिंह भी उनके साथ रहे।