दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। दो साल बाद आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में आज शहर की भीषण जल समस्या को लेकर जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं जबलपुर के प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा की मौजूदगी में शहर के प्यासे हालातों पर जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन और शासन को घेरा।
पानी के लिए न टैंकर, न इंतजाम शहर में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। नगर निगम के पास पर्याप्त टैंकर नहीं हैं और पीएचई विभाग की व्यवस्था बदहाल है। करोड़ों खर्च करने के बावजूद जल जीवन मिशन पूरी तरह विफल साबित हो रहा है। मिशन के तहत लगाए गए नल कनेक्शनों से पानी की जगह हवा निकल रही है। बैठक में नगर निगम जल विभाग के अधिकारियों की जमकर खिंचाई हुई।
बंदर की मौत और नालियों में अमृत जलम का मजाक ललपुर की मेन राइजिंग लाइन में मृत बंदर मिलने की घटना को भी बैठक में उठाया गया और इसे जल आपूर्ति में लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण बताया गया। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि अमृत जलम योजना के नाम पर शहर भर की सड़कें खोद दी गईं, लेकिन न तो काम पूरा हुआ और न ही पेयजल संकट कम हुआ।
सिविल डिफेंस प्लान पर भी समीक्षा बैठक के दूसरे चरण में जिले के सिविल डिफेंस प्लान के क्रियान्वयन पर चर्चा की गई। उपमुख्यमंत्री को बताया गया कि संबंधित सभी विभागों और अधिकारियों को प्रशिक्षण देकर अपडेट किया जा चुका है। योजना के अंतर्गत नगर निगम, पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, पीएचई, एनवीडीए, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों को शामिल किया गया है।
बैठक में भाजपा विधायक अजय विश्नोई, अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी इंदु, और कांग्रेस के लखन घनघोरिया सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने कहा कि गर्मी में लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं, लेकिन न सरकार की नींद टूट रही है और न ही जिम्मेदार अधिकारियों की।