लेफ्टिनेंट नरवाल की पत्नी बोलीं - "हमें नफरत नहीं, सिर्फ इंसाफ और शांति चाहिए"

दैनिक सांध्य बन्धु करनाल। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी ने पति के जन्मदिन पर आयोजित रक्तदान शिविर में भावुक अपील की। उन्होंने कहा, "लोग मुस्लिमों और कश्मीरियों के खिलाफ जो बोल रहे हैं, वह नहीं होना चाहिए। हमें सिर्फ इंसाफ और शांति चाहिए। जिन्होंने गलत किया है, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।"

"मुझे किसी से नफरत नहीं है" - हिमांशी नरवाल

हिमांशी ने पूरे देश से अपील की कि वे विनय के लिए प्रार्थना करें। उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ इतना चाहती हूं कि जो हमारे साथ हुआ, वैसा किसी और के साथ न हो।" इस अवसर पर हिमांशी और उनके परिजनों ने रक्तदान भी किया। शिविर के दौरान भावुक माहौल बना रहा और कई लोगों की आंखें नम हो गईं।

सिर्फ दोषियों को मिले सजा, पूरे समुदाय को न ठहराया जाए जिम्मेदार

हिमांशी ने स्पष्ट कहा कि आतंकवादियों को सजा जरूर मिलनी चाहिए, लेकिन इससे किसी धर्म या समुदाय के प्रति नफरत नहीं फैलनी चाहिए। उन्होंने नफरत भरे बयानों पर ऐतराज जताते हुए कहा, "हमें नफरत नहीं, न्याय चाहिए।"

"विनय की विचारधारा को आगे बढ़ाएंगे" - बहन सृष्टि नरवाल

विनय की बहन सृष्टि नरवाल ने बताया कि यह रक्तदान शिविर उनके भाई के विचारों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक छोटा सा कदम है। उन्होंने सभी रक्तदाताओं का आभार व्यक्त किया।

हिमांशी ने बताया कि घटना वाले दिन दोपहर वे दोनों पहलगाम में घूमने निकले थे। तभी अचानक फायरिंग शुरू हुई और एक शख्स ने विनय को पहचानकर गोली मार दी। हिमांशी के सामने ही विनय शहीद हो गए। उन्होंने कहा, "मैंने चिल्लाया, सवाल किए, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया। पुलिस को भी एक घंटा लग गया पहुंचने में।"

"विनय को मिले देश का सबसे बड़ा सम्मान"

हिमांशी ने कहा कि वे चाहती हैं कि विनय को देश का सबसे बड़ा सम्मान मिले। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह भी देश सेवा के रास्ते पर आगे बढ़ेंगी।

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