कमलनाथ से नाराजगी बनी मोड़, बीजेपी में पहुंचे और अब नहीं रहे सलूजा: एक प्रभावशाली राजनेता की कहानी

दैनिक सांध्य बन्धु इंदौर।
मध्यप्रदेश बीजेपी के तेजतर्रार प्रवक्ता और इंदौर के कद्दावर नेता नरेंद्र सलूजा का बुधवार दोपहर हार्ट अटैक से निधन हो गया। मंगलवार रात वह सीहोर में एक शादी समारोह में शामिल हुए थे। 56 वर्षीय सलूजा के निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर फैल गई। वे उन चुनिंदा नेताओं में से थे जिनकी पकड़ दोनों ही प्रमुख दलों—कांग्रेस और बीजेपी—में रही।

कमलनाथ से नाराजगी बनी बीजेपी में आने की वजह

नरेंद्र सलूजा का राजनीतिक सफर कांग्रेस से शुरू हुआ। वे लंबे समय तक पूर्व सीएम कमलनाथ के सबसे विश्वस्त माने जाते थे। लेकिन 2022 की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गुरुनानक जयंती के एक विवादास्पद कार्यक्रम के बाद कमलनाथ और सलूजा के रिश्तों में खटास आ गई।

सूत्रों के अनुसार, कार्यक्रम के विरोध की खबर मीडिया में लीक होने को लेकर कमलनाथ ने सलूजा पर नाराजगी जताई और उन्हें सख्त शब्दों में पार्टी से दूर रहने को कह दिया। इससे आहत होकर 25 नवंबर 2022 को सलूजा ने बीजेपी जॉइन कर ली।

बीजेपी में बने सबसे भरोसेमंद सूत्र

बीजेपी में आने के बाद सलूजा ने पार्टी के लिए अहम भूमिका निभाई। प्रवक्ता रितेश तिवारी ने बताया कि सलूजा का नेटवर्क इतना मजबूत था कि कांग्रेस की खबरें पहले उन्हीं को मिलती थीं। उन्होंने पीसीसी चीफ को लेकर अंदरूनी बातें समय से पहले बता दी थीं।

सोशल मीडिया पर सबसे एक्टिव नेता

नरेंद्र सलूजा सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहते थे। कांग्रेस के वक्त बीजेपी पर तीखे हमले करते थे और बीजेपी में आने के बाद सरकार की योजनाओं का मजबूती से प्रचार करते थे। अक्षय तृतीया की शुभकामनाएं उनका आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट रहा।

बेटी से मिलने अमेरिका जाने वाले थे

सलूजा अगले महीने अमेरिका जाकर बेटी से मिलने वाले थे। पत्रकार अरविंद तिवारी के मुताबिक वे इस यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित थे। अब बेटी के भारत लौटने के बाद ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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