सीरियल किलर राजा कोलंदर को उम्रकैद: खोपड़ी भूनकर खाई... दिमाग उबालकर सूप बनाया; 14 नृशंस कत्ल और नरमुंड फार्महाउस

दैनिक सांध्य बन्धु प्रयागराज। प्रयागराज की भयावह आपराधिक गाथाओं में एक बार फिर वह नाम गूंजने लगा है, जिससे आज भी लोग सिहर उठते हैं—राजा कोलंदर। 25 साल पुराने डबल मर्डर केस में लखनऊ की अदालत ने राम निरंजन कोल उर्फ राजा कोलंदर और उसके साले बच्छराज को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह वही कुख्यात सीरियल किलर है, जिसने 14 नृशंस हत्याएं कीं और इंसानी खोपड़ियों को भूनकर खाया, दिमाग उबालकर सूप बनाया।

रायबरेली निवासी मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर की 2000 में हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध मानते हुए दोषियों को डकैती, हत्या, अपहरण और सबूत छिपाने के मामले में अलग-अलग सजाएं सुनाईं, जो साथ-साथ चलेंगी।

राजा कोलंदर की हैवानियत की शुरुआत पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या से उजागर हुई थी, जिसका सिर और धड़ अलग-अलग स्थानों पर फेंका गया था। मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने जब उसे पकड़ा और पूछताछ की, तो उसके अपराधों की परतें खुलती गईं। उसने एक डायरी में 14 हत्याओं का जिक्र किया था और उन पीड़ितों के नरमुंड उसके फार्महाउस से बरामद हुए थे।

पूछताछ में कोलंदर ने कबूला कि उसने एक व्यक्ति की खोपड़ी भूनकर खाई और दिमाग का सूप बनाया, क्योंकि वह कायस्थ जाति का था और उसका दिमाग तेज था। सनक इतनी थी कि उसने बेटों के नाम अदालत और जमानत रखे और पत्नी को फूलन देवी कहने लगा।

राजा कोलंदर की कहानी इतनी खौफनाक और रहस्यमयी रही कि नेटफ्लिक्स पर ‘इंडियन प्रीडेटर: द डायरी ऑफ ए सीरियल किलर’ नाम से इसकी डॉक्यूमेंट्री भी बनी।

अब जब अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है, तो उसका परिवार खुद अनभिज्ञ है। नैनी के राम सगरा स्थित घर में सन्नाटा पसरा है। कोलंदर की सास ने कहा, “वह तो जेल में है, अब क्या सजा होई?”

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