दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण एक बार फिर चिंता का विषय बनता जा रहा है। हाल ही में केरल में 84 साल के बुजुर्ग की मौत कोरोना संक्रमण से हो गई है। इससे पहले महाराष्ट्र के ठाणे में 21 साल के युवक की भी संक्रमण से मौत हो चुकी है। लगातार बढ़ते मामलों के बीच अब देश में एक्टिव केसों की संख्या 350 तक पहुंच गई है।
शनिवार को ठाणे में 8, उत्तराखंड और हरियाणा में 3-3, जबकि नोएडा में एक नया मामला सामने आया। इससे पहले 23 मई को अहमदाबाद में 20, उत्तर प्रदेश में 4, हरियाणा में 5 और बेंगलुरु में एक 9 महीने का बच्चा कोरोना पॉजिटिव मिला था।
दिल्ली सरकार ने कोरोना संक्रमण को लेकर सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, दवाइयों और वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा गया है। साथ ही सभी पॉजिटिव सैंपल्स को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लोकनायक अस्पताल भेजने और रिपोर्ट दिल्ली हेल्थ पोर्टल पर अपलोड करने के आदेश दिए गए हैं।
भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के अनुसार, देश में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट NB.1.8.1 और LF.7 के मामले सामने आए हैं। इन वैरिएंट्स में ऐसे म्यूटेशन हैं जो पहले से बनी इम्यूनिटी को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि WHO ने इन्हें फिलहाल चिंताजनक नहीं माना है, लेकिन निगरानी में रखने योग्य जरूर बताया है।
देश में इस समय सबसे आम वैरिएंट JN.1 है, जो ओमिक्रॉन के BA2.86 का स्ट्रेन है। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं और यह इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है। इसकी पहचान सबसे पहले अगस्त 2023 में हुई थी और दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया था।
गुजरात में अब तक कुल 40 मामले आ चुके हैं, जिनमें 33 एक्टिव हैं। दिल्ली में 23 केस, गाजियाबाद में 4 नए मरीज सामने आए हैं और हरियाणा में 48 घंटे के भीतर 5 मामले मिले हैं। इन मरीजों की कोई इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है।
JN.1 के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं और लंबे समय तक लक्षण बने रहने की स्थिति को 'लॉन्ग कोविड' कहा जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि हालात भले गंभीर न हों, लेकिन सतर्कता और सावधानी बेहद जरूरी है।