दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी करने वाले जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के निर्देश पर FIR दर्ज होते ही राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। मंत्री शाह बीते कुछ दिनों से सार्वजनिक रूप से नज़र नहीं आ रहे और उनके सभी ठिकानों—भोपाल, इंदौर और खंडवा स्थित आवासों पर सन्नाटा पसरा है।
FIR के बाद 'अंडरग्राउंड' हुए शाह
भोपाल के सरकारी आवास से लेकर इंदौर के फ्लैट तक मंत्री कहीं नज़र नहीं आए। इंदौर के 'आनंद वन' अपार्टमेंट में भी ताला लगा है। उनके नाम की पट्टिका तक हटा दी गई है। सरकारी कार्यशालाओं के होर्डिंग्स से भी उनके फोटो को हटा दिया गया है और पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगाई गई हैं।
कांग्रेस पहले सिद्धारमैया से इस्तीफा मांगे : सीएम
इस्तीफे की कांग्रेस की मांग पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस खुद भ्रष्टाचार में डूबी है। उनके हर नेता पर केस है, पहले वो अपने सिद्धारमैया जैसे नेताओं से इस्तीफा मांगें।"
मंत्री के बचाव में उतरे आदिवासी नेता
मंत्री प्रतिमा बागरी और विधायक कमलेश्वर डोडियार ने शाह का समर्थन किया है। डोडियार बोले, "विजय शाह को इसलिए टारगेट किया जा रहा है क्योंकि वह आदिवासी हैं।"
डिप्टी सीएम बोले- संयम जरूरी, फैसला शीर्ष नेतृत्व करेगा
जगदीश देवड़ा और केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके ने भी कहा कि यह मामला गंभीर है और निर्णय शीर्ष नेतृत्व ही करेगा।
भोपाल, देवास, धार, बैतूल और मुरैना सहित कई जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया, पुतले जलाए और एफआईआर की मांग की। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कर्नल सोफिया को पत्र लिखकर जनता की ओर से माफी मांगी।