मिशा अग्रवाल: एक उभरती सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की दर्दनाक विदाई
दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मिशा अग्रवाल (MishaAgrawal), जिनके इंस्टाग्राम पर 3.5 लाख से अधिक फॉलोअर्स थे, ने 24 अप्रैल को आत्महत्या कर ली। यह हृदयविदारक घटना उनके जन्मदिन से ठीक दो दिन पहले घटी, जिसने उनके परिवार, प्रशंसकों और पूरे सोशल मीडिया समुदाय को झकझोर दिया है।
उनकी बहन ने मिशा के इंस्टाग्राम अकाउंट से एक भावुक पोस्ट साझा की, जिसमें बताया गया कि मिशा का एकमात्र सपना 1 मिलियन इंस्टाग्राम फॉलोअर्स और यूट्यूब सब्सक्राइबर्स तक पहुँचना था। जब उनके फॉलोअर्स कम होने लगे, तो वह टूट गईं और खुद को बेकार महसूस करने लगीं। अप्रैल से वह गहरे अवसाद में थीं और बार-बार कहती थीं, “जिज्जा, अगर मेरे फॉलोअर्स घट गए तो मैं क्या करूँगी? मेरा करियर खत्म हो जाएगा।”
मिशा एक प्रतिभाशाली युवती थीं, जिन्होंने एलएलबी की पढ़ाई पूरी की थी और पीसीएसजे (न्यायिक सेवा परीक्षा) की तैयारी कर रही थीं। उनकी बहन ने उन्हें कई बार समझाने की कोशिश की कि इंस्टाग्राम सब कुछ नहीं है, और उनके पास उज्जवल भविष्य के लिए कई रास्ते हैं। बावजूद इसके, सोशल मीडिया की दुनिया ने उन्हें इतना ग्रसित कर लिया कि उन्होंने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा लिया।
मिशा की बहन ने इंस्टाग्राम में पोस्ट :
मिशा की बहन ने इंस्टाग्राम में एक पोस्ट के ज़रिए बताया कि -
“मेरी छोटी बहन ने अपनी दुनिया इंस्टाग्राम और अपने फॉलोअर्स के इर्द-गिर्द बसा ली थी, एकमात्र लक्ष्य 1 मिलियन फॉलोअर्स पाने और प्रशंसकों का प्यार जीतने का था। जब उसके फॉलोअर्स घटने लगे, तो वह परेशान हो गई और खुद को बेकार समझने लगी। अप्रैल से वह गहरे अवसाद में थी, अक्सर मुझे गले लगाकर रोती और कहती, ‘जिज्जा, अगर मेरे फॉलोअर्स घट गए तो मैं क्या करूँगी? मेरा करियर खत्म हो जाएगा।’
मैंने उसे समझाया कि यह उसकी पूरी दुनिया नहीं है, यह बस एक साइड जॉब है, और अगर यह काम नहीं करता, तो यह अंत नहीं है। मैंने उसे उसकी प्रतिभाओं, उसकी एलएलबी डिग्री, और पीसीएसजे की तैयारी की याद दिलाई, यह कहते हुए कि वह एक दिन जज बनेगी और उसे अपने करियर की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
मैंने उसे सलाह दी कि वह इंस्टाग्राम को केवल मनोरंजन के रूप में देखे और उसे खुद पर हावी न होने दे। मैंने उसे अपने सुख की ओर ध्यान देने और चिंता और अवसाद को छोड़ने की सलाह दी। दुर्भाग्यवश, मेरी छोटी बहन ने नहीं सुना और इंस्टाग्राम और फॉलोअर्स से इतनी प्रभावित हो गई कि उसने हमारी दुनिया को हमेशा के लिए छोड़ दिया।
दुखद रूप से, वह इतनी व्यथित हो गई कि उसने अपनी जान ले ली, और हमारे परिवार को पूरी तरह बिखेर दिया।”
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बहन ने साझा की जानकारी |
युवाओं के लिए संदेश:
आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया का प्रभाव अत्यधिक बढ़ गया है। यह ज़रूरी है कि युवा यह समझें कि फॉलोअर्स या लाइक्स हमारी आत्ममूल्य या सफलता का पैमाना नहीं हैं। सोशल मीडिया केवल एक माध्यम है – न कि जीवन का उद्देश्य। यदि कभी किसी को असफलता, अकेलापन या दबाव महसूस हो, तो मदद लेना कमजोरी नहीं, बल्कि साहस की निशानी है।
मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें:
• रोज़ाना ध्यान और मेडिटेशन करें।
• सोशल मीडिया से समय-समय पर ब्रेक लें।
• अपने परिवार और दोस्तों से बात करें – भावनाएं साझा करें।
L• प्रोफेशनल काउंसलिंग लेने से न हिचकें।
• अपने जुनून और असली जिंदगी के लक्ष्य पर फोकस करें।
मिशा की कहानी एक चेतावनी है – कि आभासी दुनिया में खुद को खो देना कितना खतरनाक हो सकता है। हमें खुद को और अपने आसपास के लोगों को समय देना होगा, ताकि हम ऐसी और त्रासदियों को रोक सकें।l