दैनिक सांध्य बन्धु खंडवा। महाराष्ट्र की रहने वाली मुस्लिम युवती सुमैया ने अपने प्रेमी विकास से विवाह करने के लिए इस्लाम धर्म का त्याग कर सनातन धर्म अपना लिया। खंडवा के ऐतिहासिक महादेवगढ़ मंदिर में वैदिक विधि-विधान से उसने न केवल धर्म परिवर्तन किया बल्कि हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह भी किया। अब सुमैया ने अपना नया नाम ‘पाखी’ रख लिया है।
सुमैया से पहले भी कई युवतियां इस मंदिर में आकर सनातन धर्म अपना चुकी हैं। यह मंदिर पिछले तीन महीनों में 25 युवाओं के धर्म परिवर्तन का साक्षी बन चुका है। मंदिर के संरक्षक अशोक पालीवाल का कहना है कि मंदिर सभी के लिए खुला है और उनका उद्देश्य भारत को सनातन संस्कृति के आदर्शों से जोड़ना है।
धर्म परिवर्तन के बाद पाखी ने बताया कि हिन्दू धर्म अपनाने का एक प्रमुख कारण यह है कि यहाँ महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है। “माँ दुर्गा, लक्ष्मी, काली और सरस्वती जैसी देवियों को पूजनीय माना गया है। इस संस्कृति में नारी को देवी तुल्य समझा जाता है,” पाखी ने कहा।
धर्म परिवर्तन के पश्चात पंडितों द्वारा विधिपूर्वक विवाह संपन्न कराया गया। पाखी और विकास ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। इस विवाह में मंदिर प्रबंधन की अहम भूमिका रही, जिन्होंने युवती को कानूनी व धार्मिक संरक्षण भी दिया।