दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों पर जोरदार एयर स्ट्राइक कर दुश्मनों को करारा जवाब दिया। बुधवार सुबह 10:30 बजे भारतीय सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस कार्रवाई का वीडियो जारी किया गया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहली बार आर्मी और एयरफोर्स की महिला अफसर- कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की ऐतिहासिक मौजूदगी रही।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंक के गढ़ पर सीधा प्रहार
रात 1:05 से 1:30 बजे तक चले इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पीओके में लश्कर, जैश और हिजबुल के कुल 9 ठिकानों को तबाह किया। इन ठिकानों में ट्रेनिंग कैंप, लॉन्चपैड्स और हथियार डिपो शामिल थे। सबसे प्रमुख ठिकानों में मुजफ्फराबाद का सवाई नाला कैंप, बहावलपुर का मरकज सुभानअल्लाह, और मुरीदके का मरकज तैयबा शामिल थे।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा: पाकिस्तान बना आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस को बताया कि पहलगाम में हुए निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद यह जवाबी कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा, “यह हमला जम्मू-कश्मीर की स्थिरता और पर्यटन को प्रभावित करने के लिए किया गया था।” TRF की जिम्मेदारी और लश्कर के सोशल मीडिया लिंक से पाकिस्तान की भूमिका उजागर हुई है।
600 जवानों की शहादत, 350 से अधिक नागरिकों की जान गई
पिछले 10 वर्षों में सीमा पार से हुए आतंकी हमलों में 600 से अधिक जवान शहीद हुए और 350 से ज्यादा आम नागरिकों की जान गई। इस दौरान 800 से अधिक लोग घायल हुए। सरकार ने स्पष्ट किया कि अब आतंकियों और उनके सरपरस्तों को बख्शा नहीं जाएगा।
महिला सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी
प्रेस कॉन्फ्रेंस की विशेष बात यह रही कि पहली बार एक मुस्लिम महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और एक हिंदू महिला अफसर विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने एक साथ मीडिया को ब्रीफ किया। यह भारत की सैन्य ताकत और समावेशी संरचना की एक नई मिसाल है।
एयर स्ट्राइक में नागरिकों को नुकसान नहीं
सेना ने ऑपरेशन की जिम्मेदारीपूर्ण योजना पर जोर देते हुए कहा कि एयर स्ट्राइक इस तरह की गई कि किसी नागरिक या रिहायशी इलाके को नुकसान न पहुंचे।
7 शहरों में 9 ठिकानों पर सटीक वार
PTI के मुताबिक, मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, सियालकोट, कोटली, मुरीदके, महमूना जाया और मरकज सुभानअल्लाह सहित कुल 7 शहरों के 9 आतंकी अड्डों को टारगेट किया गया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद के 4, लश्कर-ए-तैयबा के 3 और हिजबुल मुजाहिदीन के 2 ठिकाने शामिल थे।