दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। अधारताल थाना क्षेत्र में पदस्थ आरपीएफ एएसआई वीरेंद्र तिवारी के घर से 35 लाख रुपये की चोरी का मामला आखिरकार चार माह बाद पुलिस ने दर्ज कर लिया। यह कार्रवाई तब हुई जब हताश होकर एएसआई ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की।
वीरेंद्र तिवारी 22 सितंबर 2024 को गया में माता-पिता का पिंडदान करने निकले थे। उनके जबलपुर स्थित घर में नागपुर निवासी रिश्तेदार शशिकला मिश्रा, उनकी बेटी पलक मिश्रा और सुनीता द्विवेदी सहित कुछ अन्य परिजन मौजूद थे। घर में रखे 35 लाख रुपये दीवान में सुरक्षित रखे गए थे, जो उन्होंने मकान खरीदने के लिए जुटाए थे।
22 सितंबर की रात शशिकला, पलक और सुनीता अचानक नागपुर लौट गईं। वीरेंद्र एक अक्टूबर को जब जबलपुर लौटे और जनवरी में जब दीवान खोला, तो रुपये गायब मिले। परिजनों से पूछताछ में शक उन्हीं तीन महिलाओं पर गया, लेकिन उन्होंने आरोपों से इनकार कर दिया।
वीरेंद्र तिवारी ने अधारताल थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की, जिससे दबाव में आकर पुलिस ने चार महीने बाद एफआईआर दर्ज की।