10 साल तक गुटखा खाने की आदत ने छीन लिया जबड़ा !

दैनिक सांध्य बन्धु भोपाल। गुटखे की लत कैसे जीवन को तबाह कर सकती है, इसका दिल दहला देने वाला उदाहरण मध्य प्रदेश के सीहोर निवासी 42 वर्षीय व्यक्ति के साथ सामने आया है। करीब एक दशक तक गुटखा खाने की आदत ने उसे जबड़े के कैंसर का शिकार बना दिया, और स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि उसका मुंह पूरी तरह बंद हो गया। लेकिन भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (BMHRC) के डॉक्टरों ने चिकित्सा क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान रचते हुए मरीज को नया जीवन दे दिया।

छाती की मांसपेशियों से बनाया नया जबड़ा

डॉ. गौतम के नेतृत्व में सर्जरी विशेषज्ञों की टीम ने अत्यंत जोखिम भरी सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। मरीज की छाती की मांसपेशियों की सहायता से नया जबड़ा बनाया गया। यह सर्जरी तकनीकी रूप से अत्यंत जटिल थी क्योंकि मरीज का हृदय पहले से ही सिर्फ 40% क्षमता से काम कर रहा था, जिससे ऑपरेशन के दौरान हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया था। लेकिन सतर्क निगरानी और त्वरित उपचार से मरीज की जान बचाई जा सकी।

एक साल से बढ़ती रही बीमारी

करीब डेढ़ साल पहले मरीज को मुंह खोलने में परेशानी और गर्दन में गांठ की शिकायत हुई थी। वह एक निजी अस्पताल गया जहां सिर्फ रेडियोथेरेपी दी गई, परंतु असली बीमारी पकड़ में नहीं आई। बीमारी लगातार बढ़ती गई और अंततः बीएमएचआरसी में जब एंडोस्कोपिक बायोप्सी और पेट स्कैन हुआ तो जबड़े की हड्डी तक फैले एडवांस कैंसर का पता चला।

फिर भी नहीं हारा हौसला

डॉक्टरों ने हार नहीं मानी और तमाम जोखिमों के बावजूद ऑपरेशन को अंजाम दिया। ऑपरेशन के बाद मरीज को कुछ समय के लिए हार्ट अटैक आया, लेकिन ICU में तुरंत उपचार से उसे संभाल लिया गया। फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है और आने वाले समय में वह सामान्य जीवन जी सकेगा।

डॉक्टरों की मेहनत ने बचाई जान

बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने कहा, "यह सर्जरी हमारे डॉक्टरों की दक्षता और समर्पण का प्रमाण है। आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीज को मुफ्त में उच्चस्तरीय उपचार मिला, यह हमारे लिए संतोष की बात है। बीएमएचआरसी में हम निरंतर जटिल रोगों के इलाज में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं।"

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