दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। देवताल पहाड़ी की वीरान दोपहर उस वक्त सन्नाटे में बदल गई जब 18 वर्षीय युवती लक्ष्मी अहिरवार की खून से सनी लाश बरामद हुई। जबलपुर पुलिस ने महज 48 घंटे में इस ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी सुलझा ली है। इस वारदात ने न सिर्फ जिले को झकझोर कर रख दिया बल्कि रिश्तों की गलतफहमियों की खतरनाक परिणति को भी उजागर किया।
हत्या का आरोपी 19 वर्षीय अब्दुल समद, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का निवासी है और नागपुर के एक वाटर प्लांट में काम करता था। वह 300 किलोमीटर दूर नागपुर से सिर्फ इसलिए जबलपुर आया क्योंकि लक्ष्मी उसकी कॉल्स को इग्नोर कर रही थी। नाराजगी और खीझ के चलते उसने एक प्लान बनाया—और इस खौफनाक वारदात को अंजाम दे डाला।
"आखिरी बार मिलना है", कहकर बुलाया
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आरोपी अब्दुल समद ने दो दिन पहले ही हत्या की योजना बना ली थी। वह शुक्रवार सुबह नागपुर से जबलपुर पहुंचा और लक्ष्मी को बार-बार कॉल करने लगा। एक बार युवती ने कॉल उठाया, तो आरोपी ने कहा कि वह सिर्फ आखिरी बार मिलना चाहता है। युवती ने उसे दोपहर 12 बजे देवताल पहाड़ी पर बुलाया।
समय से पहले पहुंचा अब्दुल, वहीं घात लगाए बैठा रहा। जैसे ही लक्ष्मी शौच के बहाने पहाड़ी की तरफ आई, दोनों के बीच विवाद हो गया। अब्दुल को गुस्सा इस बात पर था कि उसने मोबाइल दिया, लेकिन लक्ष्मी किसी और से बात करती थी। जब युवती शोर मचाते हुए भागने लगी, तो अब्दुल ने चाकू से गला रेत दिया और पेट में वार कर उसकी हत्या कर दी।
परिजनों ने शुरू की तलाश, खून से सनी मिली लाश
लक्ष्मी मूलतः छतरपुर जिले के खजुराहो की रहने वाली थी और परिवार के साथ निर्माणाधीन मंदिर में मजदूरी के लिए जबलपुर आई थी। शुक्रवार को वह शौच के लिए निकली और एक घंटे तक नहीं लौटी तो परिवार को चिंता हुई। खोजबीन के दौरान, घर से महज 200 मीटर की दूरी पर उसकी लाश मिली। गले और पेट पर गहरे चाकू के घाव थे।
कोई चश्मदीद नहीं, मोबाइल ने खोला राज
दिनदहाड़े हुई इस वारदात का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था, जिससे यह एक ब्लाइंड मर्डर केस बन गया था। लेकिन घटनास्थल के पास मृतका का मोबाइल मिलने से पुलिस को अहम सुराग मिला। कॉल डिटेल खंगालने पर पता चला कि हत्या से ठीक पहले अब्दुल समद से उसकी बातचीत हुई थी।
इसके बाद तकनीकी साक्ष्य और मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने आरोपी को ट्रेस किया और उसे नागपुर भागने से पहले अंधमूक बायपास पर गिरफ्तार कर लिया गया।
होटल में छिपा रहा, लोकेशन बदलता रहा
हत्या के बाद अब्दुल दो दिन तक शहर के एक होटल में छिपा रहा और लगातार अपनी लोकेशन बदलता रहा। रविवार रात बस पकड़ने की कोशिश करते समय वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने उससे हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद कर लिया है।
नागपुर में हुई थी पहली मुलाकात, वहीं पनपा था प्यार
लक्ष्मी की मुलाकात अब्दुल से जनवरी 2025 में नागपुर में हुई थी, जब वह परिवार सहित मजदूरी के लिए वहां गई थी। पानी सप्लाई का काम करने वाले अब्दुल से दोस्ती हुई और फरवरी में विदाई के वक्त उसने युवती को 10 हजार का मोबाइल गिफ्ट किया था। इसके बाद दोनों के बीच फोन पर लगातार बातचीत होती रही, लेकिन मई की शुरुआत से ही लक्ष्मी ने बात करना कम कर दिया था। यह बात अब्दुल को चुभ गई और उसने हत्या का फैसला कर लिया।
एसपी संपत उपाध्याय के निर्देशन में गढ़ा थाना प्रभारी प्रसन्न शर्मा के नेतृत्व में बनी विशेष टीम ने सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और तकनीकी विश्लेषण से आरोपी तक पहुंच बनाई। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।