दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नेशनल लोक अदालत के आयोजन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि न्याय पाने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया की नहीं, बल्कि आपसी सहमति और सही मंच की जरूरत होती है। आज 10 मई को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर जबलपुर सहित पूरे प्रदेश में लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें लंबित और प्री-लिटिगेशन के लाखों मामलों का आपसी सहमति से निपटारा किया गया।
जबलपुर जिला न्यायालय परिसर में विशेष चहल-पहल देखने को मिली। अधिवक्ता, पक्षकार, बैंक व बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि अपने-अपने मामलों को सुलझाने में जुटे रहे। न्यायालय परिसर में बैंकों और बीमा कंपनियों ने स्टॉल लगाकर पक्षकारों के साथ सीधे संवाद कर समझौतों के जरिए मामलों का समाधान किया।
कोई हारा नहीं, कोई जीता नहीं – समाधान से सभी संतुष्ट
लोक अदालत की विशेषता यही है कि इसमें न कोई हारता है, न कोई जीतता है। सभी मामलों का निपटारा आपसी सहमति से किया जाता है जिससे पक्षकारों को कोर्ट-कचहरी की लंबी और खर्चीली प्रक्रिया से मुक्ति मिल जाती है।
नगर निगम ने दो घंटे में वसूले 10 लाख
नगर निगम जबलपुर (JMC) ने भी इस लोक अदालत में भागीदारी निभाते हुए संपत्ति कर और जल कर से जुड़े विवादों का समाधान शुरू किया। शुरुआती दो घंटों में ही करीब 200 करदाताओं ने 10 लाख रुपये जमा किए। निगम ने आज की लोक अदालत में कुल साढ़े 5 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
हालांकि ई-नगर पालिका पोर्टल के आधे-अधूरे संचालन को लेकर दर्जनों करदाता मुख्यालय और जोन कार्यालयों में परेशान नजर आए। नई संपत्तियों के पंजीयन की प्रक्रिया अभी भी उलझी हुई है, जिससे करदाता विभागीय टेबलों के चक्कर लगाते रहे। डेटा अपडेट की कमी और सर्वर लोड की वजह से भी काम में बाधा आई।