दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर जिसे संस्कारधानी के नाम से जाना जाता है, इन दिनों विश्व के सबसे महंगे जापानी आम मियाजाकी तइयो नो तमांगो की मिठास से महक रहा है। नर्मदा किनारे चरगवां रोड पर स्थित बागान में ये खास किस्म के आम लहलहा रहे हैं। खास बात यह है कि इन आमों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों के साथ एक दर्जन जर्मन शेफर्ड डॉग और सशस्त्र गार्ड तैनात हैं।
बागान के मालिक संकल्प सिंह परिहार ने बताया कि यह आम जापान की प्रीमियम किस्म है जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत दो से ढाई लाख रुपये प्रति किलो तक जाती है। इनकी मांग विदेशों में काफी है और पकने के बाद इन्हें एक्सपोर्ट किया जाएगा।
बगिया में अन्य विदेशी किस्मों जैसे ऑस्ट्रेलियाई आर2ओ2, अमेरिकी सेंसेशन, जापानी हापुस और ऑल टाइम मैंगो भी तैयार हो रहे हैं। इसके साथ ही देसी किस्मों में लंगड़ा, दशहरी, हापुस, चौंसा, मल्लिका और नीलम जैसी प्रजातियों की भी भरपूर पैदावार हुई है।
इस बार आंधी-तूफान के चलते आम की फसल को नुकसान जरूर पहुंचा है, लेकिन बचे हुए फलों की गुणवत्ता बेहद शानदार है। उद्यानिकी विशेषज्ञों के मुताबिक 30 मई के बाद पेड़ों के पके हुए आम बाजार में आने लगेंगे और लोगों को फिर से जबलपुर के स्वादिष्ट आमों का स्वाद चखने को मिलेगा।
नर्मदा के कछार की मिट्टी में उपजे इन आमों की मिठास और सुगंध उन्हें खास बनाती है। यहां उत्पादित देसी अचार वाले आमों की मांग अन्य राज्यों में भी बनी हुई है। पेड़ के पके आमों के लिए लोग पहले से ही एडवांस बुकिंग करा रहे हैं।
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