दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर । शहर के प्रतिष्ठित स्कूल संचालक और पूर्व में विवादास्पद धार्मिक टिप्पणियों के चलते सुर्खियों में रहे अखिलेश मेबिन एक बार फिर कानून के शिकंजे में आ गए हैं। इस बार आरोप कहीं अधिक गंभीर हैं—उनकी बहू, सेना की रिटायर्ड कैप्टन अकांक्षा अरोरा ने जबरन धर्म परिवर्तन कर विवाह कराने और बाद में मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना देने का आरोप लगाते हुए थाना महिला में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
महिला थाना प्रभारी भूमेंश्वर चौहान के अनुसार, 28 जून को कैप्टन अकांक्षा अरोरा ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि वर्ष 2017 में जबलपुर निवासी तनय मेबिन से उनका विवाह हुआ था, लेकिन शादी से पहले उन्हें हिंदू धर्म छोड़ ईसाई धर्म अपनाने के लिए बाध्य किया गया। आरोप है कि तनय, उनके पिता अखिलेश मेबिन और मां नीनू मेबिन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि विवाह करना है तो धर्म बदलना होगा।
चर्च में कराया गया जबरन धर्म परिवर्तन
पीड़िता के अनुसार, 10 दिसंबर 2017 को जबलपुर के बड़़ी ओमती स्थित हिंदी मेथोडिस्ट चर्च में दिन के उजाले में उनका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। इसके बाद ही शादी की रस्में पूरी की गईं। आरोप यह भी है कि विवाह के बाद ससुराल पक्ष ने उनके साथ लगातार धर्म के नाम पर अमानवीय व्यवहार किया, शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया और सेना जैसी प्रतिष्ठित नौकरी भी छुड़वा दी गई।
घर से निकाला, समझौते के नाम पर अपमान
कैप्टन अरोरा का कहना है कि वर्ष 2020 में उन्हें घर से निकाल दिया गया। तभी से वे अपने माता-पिता के साथ रह रही हैं। शिकायत में उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 13 अगस्त 2023 को उनके पति तनय मेबिन ने फोन कर मुलाकात की और अगले दिन मिलने पर उन्हें 10-20 लाख रुपये ‘भीख में देने’ की बात कहते हुए समझौते का प्रस्ताव रखा। इस दौरान उन्होंने कथित तौर पर कहा, "तेरा धर्म परिवर्तन तो करवा ही दिया है, अब और क्या चाहिए?"
प्रारंभिक जांच में पुष्टि के बाद FIR दर्ज
पुलिस ने प्रारंभिक जांच और बयान दर्ज करने के बाद आरोपी तनय मेबिन, अखिलेश मेबिन और नीनू मेबिन के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 115(2), 351(2) BNS, एवं मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया में आगे बढ़ाया गया है।