दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। इलाज और पैसों का लालच देकर एक बीमार हिंदू महिला का जबरन धर्मांतरण कराने की कोशिश का मामला सामने आया है। रांझी थाना क्षेत्र की रहने वाली नीतू रैकवार ने आरोप लगाया है कि ईसाई समुदाय से जुड़े कुछ लोगों ने उसे धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया। महिला ने जब धर्म बदलने से इनकार किया, तो उसे धमकाया गया और उसके घर से हिंदू देवी-देवताओं के चित्र हटवा दिए गए। लगातार मिल रही धमकियों से परेशान होकर महिला ने रांझी थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
नीतू रैकवार, जो कि परशुराम बस्ती रांझी की निवासी हैं, पिछले कुछ समय से बीमार चल रही थीं। इसी दौरान आरोपी मनोज पिल्ले, विनोद, राजीव और एक अन्य व्यक्ति ने उनके घर आकर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने पर शीघ्र स्वस्थ होने और आर्थिक स्थिति सुधरने का प्रलोभन दिया। महिला ने बताया कि उसे दो हजार रुपये भी दिए गए और ईसाई परंपरा अनुसार पूजा सामग्री एकत्र करने के लिए कहा गया।
16 फरवरी को आरोपित दोबारा महिला के घर पहुंचे और पूजा-पाठ के लिए क्रॉस चिन्ह वाला ईसा मसीह का चित्र लाए। महिला के बुलाने पर कुछ अन्य महिलाएं भी वहां मौजूद थीं। आरोपितों ने नीतू रैकवार के घर से देवी-देवताओं के चित्र हटवाकर वहां ईसाई धर्म का प्रतीक रखवा दिया और सभी से सामूहिक प्रार्थना भी करवाई। बाद में सबको बताया गया कि वे अब ईसाई बन चुके हैं।
महिला का कहना है कि पहले वह झांसे में आ गई थी, लेकिन उसके पति ने धर्म बदलने से मना कर दिया। इसके बाद आरोपितों ने उस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और बार-बार धमकी देने लगे। इससे तंग आकर महिला ने रांझी थाने में शिकायत की।
पुलिस ने नीतू रैकवार की शिकायत पर आरोपी मनोज पिल्ले, विनोद, राजीव और एक अन्य के खिलाफ मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया है। सभी आरोपी जबलपुर के रांझी क्षेत्र के निवासी हैं।