दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली। देश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। बीते 24 घंटे में भारत में 60 नए मामले अहमदाबाद में दर्ज किए गए, जबकि कुल मिलाकर पांच लोगों की संक्रमण से मौत हो गई। इनमें केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल में एक-एक और महाराष्ट्र में दो लोगों की जान गई। अब तक इस वर्ष कोरोना से कुल 38 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 31 मौतें पिछले चार दिन में हुई हैं। सबसे अधिक मौतें महाराष्ट्र में (10) दर्ज की गई हैं।
देशभर में कुल एक्टिव कोरोना मामलों की संख्या अब 4,026 पहुंच चुकी है। इनमें से करीब 50% केस सिर्फ महाराष्ट्र और केरल में हैं। केरल में सबसे ज्यादा 1,446, महाराष्ट्र में 494, गुजरात में 397 और दिल्ली में 393 एक्टिव केस हैं। 22 मई को जहां देश में केवल 257 एक्टिव केस थे, वहीं अब यह संख्या 15 गुना बढ़ चुकी है। हालांकि, इस दौरान लगभग 2,700 मरीज ठीक भी हुए हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी हालात को देखते हुए चेताया है कि कोविड की अगली लहर खत्म नहीं हुई है, बल्कि यह अब भी एक्टिव है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से सैंपल कलेक्शन और ट्रांसपोर्ट पॉलिसी पर स्पष्ट जानकारी मांगी है।
केंद्र सरकार का दावा है कि कोविड से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूरी हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट, ICU बेड जैसी पूर्व तैयारियों की समीक्षा हो चुकी है और सभी राज्यों पर नजर रखी जा रही है।
इसी बीच, मिजोरम में सात महीने बाद दो कोरोना केस मिले हैं। राज्य में अक्टूबर 2024 के बाद यह पहला मामला है। वहीं, महाराष्ट्र में अब तक जनवरी 2025 से 10,324 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें 681 लोग पॉजिटिव पाए गए।
भारत में चार नए कोविड वैरिएंट भी सामने आए हैं—LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1। इनमें से JN.1 वैरिएंट सबसे आम पाया जा रहा है। यह ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक उप-संस्करण है, जिसमें करीब 30 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वैरिएंट तेजी से फैलता है और इम्यूनिटी को प्रभावित करता है, लेकिन फिलहाल यह गंभीर नहीं है। WHO ने भी इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' की श्रेणी में रखा है।
JN.1 के लक्षण कई दिनों से लेकर हफ्तों तक बने रह सकते हैं। लंबे समय तक बने रहने वाले लक्षण 'लॉन्ग कोविड' की श्रेणी में आते हैं, जो ठीक होने के बाद भी मरीज को परेशान करते हैं।
देशवासियों से अपील है कि वे सतर्क रहें, कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें, भीड़-भाड़ से बचें और जरूरत पड़ने पर टेस्ट कराएं।