दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। केंद्रीय सुरक्षा संस्थान आयुध निर्माण खमरिया के वेस्टलैंड क्षेत्र में बीते कई महीनों से रह रहा मगरमच्छ आखिरकार पांच दिन की कड़ी मशक्कत के बाद बुधवार देर रात पकड़ा गया। करीब 50 किलो वजनी और साढ़े पांच फीट लंबा यह मगरमच्छ खमरिया लेक के एक छोटे तालाब में डेरा जमाए हुए था। पानी कम होने के कारण यह अकसर तालाब के बाहर निकलकर पार्क में घूमने लगता था, जिससे वहां टहलने आने वाले लोगों में डर बना हुआ था।
पार्क में आने वाले स्थानीय लोगों ने जब मगरमच्छ को देखा तो फैक्ट्री प्रबंधन को इसकी सूचना दी गई। इसके बाद वन्य प्राणी विशेषज्ञों की टीम ने तालाब में एक बड़ा पिंजरा लगाया, जिसमें मुर्गियां रखकर मगरमच्छ को फांसने की योजना बनाई गई। बुधवार रात आखिरकार यह योजना सफल रही और मगरमच्छ पिंजरे में फंस गया।
रांझी मानेगांव निवासी चंद्रप्रकाश, जो रोजाना मॉर्निंग वॉक के लिए पार्क आते हैं, ने बताया कि यहां योगा केंद्र भी है, जहां बड़ी संख्या में बच्चे और बुजुर्ग आते हैं। मगरमच्छ की मौजूदगी से सभी लोग डरे हुए थे। अब जब उसे सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है, तो लोगों ने राहत की सांस ली है।
वन्य प्राणी विशेषज्ञ धनंजय घोष ने जानकारी दी कि मगरमच्छ को परियट नदी में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया जाएगा, जो उसके प्राकृतिक निवास स्थान के अधिक अनुकूल है।