दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल जबलपुर के अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा के शासकीय निवास पर उस समय हड़कंप मच गया जब सफाई के दौरान एक अत्यंत जहरीला और आक्रामक सांप दिखाई दिया।
मामला सुबह का है, जब श्रमिक सफाई कार्य में लगे थे। उसी दौरान एक श्रमिक की नजर सीमेंट की शीट के नीचे छिपे एक बादामी रंग के, काले-धब्बेदार सांप पर पड़ी। जैसे ही सांप ने मानवीय हलचल महसूस की, वह प्रेशर कुकर की सीटी जैसी तेज फुफकार छोड़ते हुए आक्रामक हो गया।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अधीक्षक डॉ. शर्मा ने तुरंत सर्प विशेषज्ञ गजेन्द्र दुबे को सूचना दी। दुबे मौके पर पहुंचे और सावधानीपूर्वक रेस्क्यू कर उस जहरीले सांप को पकड़कर जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया।
गजेन्द्र दुबे के अनुसार यह सांप 'रसेल वाइपर' (Russell's Viper) प्रजाति का था, जिसे स्थानीय भाषा में पर्सन, दबोइया या घोणस भी कहा जाता है। यह भारत के सबसे विषैले सर्पों में से एक है और विशेष रूप से गुस्सैल व आक्रामक स्वभाव के लिए जाना जाता है।
इस प्रजाति की मादा सांप अंडे नहीं देती, बल्कि सीधे सपोलों को जन्म देती है। इसमें पाए जाने वाला हीमोटॉक्सिन जहर खून और मांसपेशियों पर तीव्र असर डालता है, जिससे गैंग्रीन की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। यदि इसके काटने पर दो घंटे के भीतर चिकित्सा न मिले, तो पीड़ित की जान को गंभीर खतरा हो सकता है।
सौभाग्यवश, इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। विशेषज्ञों ने निवास के आस-पास सर्प जनित जोखिमों से बचाव के लिए विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है।