दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। रिश्तों को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। प्रेम संबंध में बाधा बन रहे पति की पत्नी ने प्रेमी और उसके दोस्त के साथ मिलकर नृशंस हत्या करवा दी। घटना के करीब दो साल बाद जबलपुर की एससी-एसटी स्पेशल कोर्ट ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई है। साथ ही तीनों पर एक-एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
दो साल पहले हुई थी खौफनाक हत्या
यह दिल दहला देने वाली घटना 24 अक्टूबर 2022 की रात की है। मझगवां गांव में आशीष कुमार चौधरी का शव खून से लथपथ हालत में गांव के बाहर मिला था। शव के पास उसकी बाइक भी पड़ी थी। सिर पर गंभीर चोट से उसकी मौत हुई थी।
ऐसे रचा गया हत्या का प्लान
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आशीष की पत्नी मनीषा उर्फ साधना के धर्मेंद्र उर्फ धिन्नु पटेल से प्रेम संबंध थे। पति को इसकी भनक लग गई थी। इसके बाद पति-पत्नी में अक्सर झगड़े और मारपीट होती थी। मनीषा ने अपने प्रेमी धर्मेंद्र और उसके दोस्त अमित उर्फ चालीसा पटेल के साथ मिलकर आशीष की हत्या की साजिश रच डाली।
प्लान के मुताबिक धर्मेंद्र ने आशीष को दोस्ती का झांसा दिया। हत्या वाले दिन आशीष को शराब दुकान पर बुलाया गया। वहां से शराब खरीदकर तीनों गांव के बाहर गए। शराब पीने के बहाने सिर पर पत्थर पटककर आशीष की हत्या कर दी गई।
हत्या के बाद शव को गड्ढे में फेंका
हत्या के बाद आरोपी आशीष का शव और उसकी बाइक गड्ढे में फेंककर घटना को हादसे का रूप देने की कोशिश की। मृतक का मोबाइल हिरन नदी में फेंक दिया गया। इसके बाद आरोपी धर्मेंद्र ने मनीषा को फोन कर बताया – “काम हो गया।”
पुलिस ने ऐसे खोला हत्याकांड का राज
घटना के बाद पुलिस ने गांव वालों से पूछताछ शुरू की। ग्रामीणों ने बताया कि घटना वाले दिन मृतक धर्मेंद्र और अमित के साथ देखा गया था। पहले तो दोनों आरोपी मुकर गए, लेकिन पुलिस की सख्ती में उन्होंने जुर्म कबूल कर लिया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि मनीषा ने ही हत्या की पूरी साजिश रची थी।
कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद
जबलपुर एससी-एसटी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश गिरीश दीक्षित ने इस जघन्य हत्याकांड में मनीषा उर्फ साधना, धर्मेंद्र उर्फ धिन्नु पटेल और अमित उर्फ चालीसा पटेल को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
इन धाराओं में दर्ज हुआ था केस
IPC की धारा 302 (हत्या)
धारा 201/34 (साक्ष्य मिटाना, आपराधिक षड्यंत्र)
धारा 120बी (साजिश)
धारा 109 (दुष्प्रेरण)
एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(व्ही)
सरकारी पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक नविता पिल्लई ने मजबूत पैरवी की। उपसंचालक अभियोजन विजय कुमार उईके और प्रभारी जिला लोक अभियोजन अधिकारी स्मृतिलता बरकडे़ के मार्गदर्शन में यह मुकदमा लड़ा गया। अभियोजन में अरुण प्रभा भारद्वाज ने भी सहयोग किया।