दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। महाराष्ट्र के पुणे से लापता हुई 14 वर्षीय नाबालिग किशोरी ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। किशोरी को शादी का झांसा देकर ले जाने वाले युवक करण सिंह पर परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है। आरोपी करण सिंह
26 मई को घर से भागी, ट्रेन में दी गई संदिग्ध दवा
पुलिस के अनुसार, आरोपी करण सिंह, जो किशोरी का पड़ोसी है, ने एक साल पहले उससे दोस्ती की थी। 24 मई को दोनों के बीच फोन पर बातचीत के बाद 26 मई की रात किशोरी घर से भागकर करण के साथ चली गई। वे मुंबई और नागपुर होते हुए ट्रेन से उत्तर प्रदेश जाने वाले थे। नागपुर स्टेशन पर करण ने किशोरी को नागपुर-शहडोल ट्रेन में यह कहकर बैठाया कि "तुम आराम करो, मैं अभी आता हूं" – फिर वह भाग गया। किशोरी ने बताया कि उसे दवा दी गई, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई।
13 जून को ट्रेन में मिली बेहोश हालत में
13 जून को आरपीएफ ने किशोरी को नागपुर-शहडोल ट्रेन में बेहोशी की हालत में पाया और तत्काल इलाज के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। हालत गंभीर होने के कारण उसे जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। इलाज के दौरान मंगलवार रात उसकी मौत हो गई।
"मैं जीना चाहती थी, उसने जबरन जहर दिया"
किशोरी ने इलाज के दौरान आरपीएफ को बताया था कि करण सिंह ने उसे जबरन ज़हर खिलाया। उसका कहना था – "मैं जीना चाहती हूं, लेकिन उसने मुझे ज़हर दे दिया।"
परिजनों का आरोप: हत्या है यह, मिले फांसी की सजा
बुधवार को जबलपुर पहुंची मृतका की मां और मौसी ने साफ तौर पर कहा कि करण सिंह ने उनकी बेटी का अपहरण कर उसकी हत्या की है। परिजनों ने आरोपी को फांसी देने की मांग की है। उन्होंने बताया कि 26 मई को ही पुणे के बडगार्डन थाने में अपहरण की एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
जीआरपी ने दर्ज किया मामला, केस महाराष्ट्र पुलिस को सौंपा
जीआरपी थाना प्रभारी बलराम यादव ने बताया कि किशोरी को आरपीएफ की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी हालत शुरू से ही नाजुक थी और ज़हर दिए जाने की बात सामने आई थी। अब इस मामले की जांच महाराष्ट्र की पुणे पुलिस को सौंपी गई है। जीआरपी ने मृत्यु से जुड़ी गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर केस डायरी पुणे पुलिस को भेज दी है।