दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शहर को वायु मार्ग के राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित करने की मांग को लेकर जबलपुर में 'नो फ्लाइंग डे' मनाया गया। यह आयोजन वायु सेवा संघर्ष समिति के नेतृत्व में किया गया, जिसमें समाज के विभिन्न वर्गों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
संघर्ष समिति का कहना है कि पिछले एक वर्ष में जबलपुर की वायु सेवाओं में आंशिक सुधार जरूर हुआ है, लेकिन अब भी कई महत्वपूर्ण शहरों से सीधी उड़ानों की आवश्यकता बनी हुई है। समिति ने विशेष रूप से पुणे, चेन्नई, कोलकाता और अहमदाबाद के लिए सीधी उड़ानों की मांग की है, साथ ही दिल्ली और मुंबई के लिए अतिरिक्त उड़ानों की भी आवश्यकता जताई है।
पुणे के लिए जल्द पहल की जरूरत
हाल ही में पुणे हवाई अड्डे पर 15 नई उड़ानों के लिए स्लॉट निर्धारित किए गए हैं। समिति ने आग्रह किया है कि जबलपुर का नेतृत्व इस दिशा में तत्काल और ठोस कदम उठाए, ताकि पुणे से जबलपुर के लिए सीधी उड़ान को मंजूरी मिल सके।
फ्लाइट सर्किट की भी रखी गई मांग
संघर्ष समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि जबलपुर को केंद्र में रखकर एक फ्लाइट सर्किट बनाया जाए। इसके तहत 500 किलोमीटर की परिधि में आने वाले शहरों—जैसे नागपुर, इंदौर, भोपाल, प्रयागराज और रायपुर—से आने वाली उड़ानों को जबलपुर तक बढ़ाया जाए। इससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा और यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया कि जब तक जबलपुर को वायु सेवा के राष्ट्रीय नेटवर्क में उचित स्थान नहीं मिल जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।