दैनिक सांध्य बंधी बुरहानपुर। एक ओर सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हालात इन दावों की पोल खोल रहे हैं। जिले की इंदिरा कॉलोनी स्थित शासकीय नवीन प्राथमिक शाला पिछले पांच वर्षों से सिर्फ एक कमरे में संचालित हो रही है, जहां कक्षा पहली से पांचवीं तक की पढ़ाई एक साथ चल रही है।
दरअसल, वर्ष 2019 में स्कूल भवन जर्जर होने के कारण इसे अस्थाई रूप से बीईओ कार्यालय परिसर स्थित पुरुषार्थी स्कूल के एक कक्ष में स्थानांतरित किया गया था। लेकिन हैरत की बात है कि तब से लेकर आज तक न तो स्कूल को नया भवन मिला और न ही बच्चों को समुचित शिक्षण वातावरण।
एक कमरा, पांच कक्षाएं, दो शिक्षिकाएं
वर्तमान स्थिति यह है कि एक ही कमरे में सभी कक्षाओं के बच्चे बैठते हैं। केवल दो शिक्षिकाएं इन सभी बच्चों को एक साथ पढ़ा रही हैं। न तो विषयवार कक्ष हैं, न ही किसी तरह का अनुशासित शिक्षण वातावरण। शोरगुल और भीड़ में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, और शिक्षिकाएं भी लगातार मानसिक दबाव में कार्य कर रही हैं।
प्रधानपाठक की गुहार, लेकिन सुनवाई नहीं
स्कूल की प्रधान पाठक कल्पना पवार बताती हैं, “2019 में हमें जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर अस्थाई रूप से पुरुषार्थी स्कूल में स्थानांतरित किया गया था। हमने कई बार आवेदन देकर स्थायी समाधान की मांग की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।”शिक्षा अधिकारी का आश्वासन
इस संबंध में जब जिला शिक्षा अधिकारी संतोष सिंह सोलंकी से चर्चा की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि, “एक कक्षा में पांच कक्षाओं का संचालन किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। कम से कम तीन कक्षाओं की व्यवस्था तो आवश्यक है। हम या तो स्कूल को वापस इंदिरा कॉलोनी में स्थानांतरित करने, या पुरुषार्थी स्कूल में तीन अतिरिक्त कक्षाएं उपलब्ध कराने पर विचार करेंगे।”