Jabalpur News: सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर एसपी ने ली बैठक, दिये सख्त निर्देश

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। शहर की यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित और सुगम बनाने के साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक सम्पत उपाध्याय (भा.पु.से.) ने मंगलवार को पुलिस कंट्रोल रूम में यातायात विभाग की एक अहम बैठक ली। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोन 2/यातायात समर वर्मा सहित तीनों ट्रैफिक थानों – मालवीय चौक, घमापुर और गढ़ा के अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक में एसपी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हाईवे रोड की ओर जाने वाले मार्गों पर दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट और चार पहिया वाहन चालकों के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य रूप से पहनने के निर्देश सख्ती से लागू कराएं। इसके लिए शहर के आठ स्थानों पर विशेष चेकिंग प्वाइंट लगाने के निर्देश दिए गए। साथ ही आमजन को हेलमेट और सीट बेल्ट के प्रति जागरूक करने पर भी जोर दिया गया।

शहर की यातायात व्यवस्था में बाधक बन रहे अस्थायी अतिक्रमण जैसे ठेले, टपरे और गुमटियों को हटाने के लिए नगर निगम के साथ संयुक्त कार्यवाही के निर्देश भी दिए गए हैं। प्रमुख बाजार क्षेत्रों और व्यस्ततम चौराहों से इन अतिक्रमणों को हटाकर यातायात को व्यवस्थित करने को कहा गया।

स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए एसपी उपाध्याय ने आरटीओ के साथ मिलकर सभी स्कूली बसों, वैन और अन्य संचालित वाहनों की जाँच कराने को कहा है। इसमें जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गवर्नर, फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र और आवश्यक दस्तावेजों की जांच की जाएगी। साथ ही ड्राइवरों को सुप्रीम कोर्ट और सीबीएसई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी देकर उनके पालन के लिए समझाइश दी जाएगी।

एसपी ने यह भी कहा कि शहर की यातायात व्यवस्था पुलिस की जिम्मेदारी है और यही व्यवस्था शहर की छवि को भी परिभाषित करती है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने सेक्टरों में यातायात को सुगम बनाए रखने के लिए आवश्यक प्वाइंट तय करें और ई-रिक्शा तथा ऑटो स्टैंड की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि पुलिस की विजिबिलिटी अधिक होने से नागरिक उनसे अपेक्षा रखते हैं, अतः प्रत्येक अधिकारी का यह कर्तव्य है कि जहां भी उनकी ड्यूटी लगाई जाए, वहां यातायात को सुचारू रूप से चलाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। साथ ही स्कूल और कॉलेजों में यातायात प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर छात्र-छात्राओं को नियमों के प्रति जागरूक किया जाए।

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