Jabalpur News: मेडिकल अस्पताल के बच्चा विभाग में बाइक चोरों का आतंक, दवा लेने आए दंपत्ति की बाइक 5 मिनट में चोरी

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल का बच्चा विभाग अब वाहन चोरी की वारदातों का नया केंद्र बनता जा रहा है। यहां आए दिन लोगों की बाइक चोरी हो रही हैं और जिम्मेदार महकमा सुरक्षा व्यवस्था सुधारने की जगह हाथ पर हाथ रखे बैठा है। ताजा मामला गढ़ा क्षेत्र के निवासी एक दंपत्ति के साथ हुआ, जिनकी बाइक महज पांच मिनट के अंदर ही अस्पताल परिसर से चोरी हो गई। यह घटना सिर्फ एक अपवाद नहीं है, बल्कि पिछले कुछ सप्ताहों में ऐसी कई वारदातें सामने आ चुकी हैं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों के बीच भय और आक्रोश का माहौल है।

5 मिनट में उड़ गई बाइक

गढ़ा निवासी रीना केवट ने बताया कि वह अपने पति अमित केवट के साथ अपने बीमार बच्चे की दवा लेने मेडिकल कॉलेज के बच्चा विभाग पहुंची थीं। दोनों पति-पत्नी ने बाइक को विभाग के सामने खड़ा किया और दवा लेने अंदर चले गए। मुश्किल से 5 मिनट बाद जब वे बाहर लौटे, तो बाइक वहां से गायब थी। पहले तो उन्होंने समझा कि शायद किसी जान-पहचान वाले ने शरारत की होगी, लेकिन आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर भी कोई सुराग नहीं मिला।

सीसीटीवी में कैद हुआ चोर

बाद में जब अस्पताल प्रबंधन से सीसीटीवी फुटेज देखने की मांग की गई, तो उसमें एक युवक साफ-साफ नजर आ रहा था, जिसने रूमाल से चेहरा ढक रखा था और बड़ी आसानी से बाइक को चोरी कर फरार हो गया। यह घटना पुलिस को भी बताई गई और गढ़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। लेकिन अब तक बाइक बरामद नहीं हो सकी है।

पहले भी हो चुकी हैं कई घटनाएं

यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे महज तीन दिन पहले एक डॉक्टर की बाइक भी यहीं से चोरी हो चुकी है। पिछले एक महीने में बच्चा विभाग के सामने से 6 से अधिक बाइकों की चोरी हो चुकी है, लेकिन अस्पताल प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था में कोई विशेष सुधार नहीं किया गया है। लगातार हो रही चोरी की घटनाओं के बावजूद अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।

सुरक्षा पर उठ रहे सवाल

हर घटना के बाद प्रशासन की ओर से यही बयान आता है कि "सुरक्षा बढ़ाई जाएगी" लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। हैरान करने वाली बात यह है कि वाहन स्टेण्ड संचालक खुद लोगों को सलाह दे रहे हैं कि वे बच्चा विभाग के सामने बाइक न खड़ी करें, बल्कि स्टेण्ड में पार्क करें। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अस्पताल परिसर के अंदर भी आम नागरिक अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद उठाए?

स्थायी समाधान की जरूरत

अब यह साफ हो गया है कि मेडिकल अस्पताल का बच्चा विभाग बाइक चोरों के लिए सुरक्षित ज़ोन बन चुका है। जरूरत है कि यहां स्थायी सुरक्षा उपाय किए जाएं। पर्याप्त CCTV कैमरे लगाकर उनकी निगरानी सुनिश्चित की जाए, गार्डों की तैनाती की जाए और स्टेण्ड की व्यवस्था को व्यवस्थित बनाया जाए ताकि मरीज और उनके परिजन चैन की सांस ले सकें।

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