दैनिक सांध्य बन्धु खंडवा/ओंकारेश्वर। तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा उस समय टल गया जब नर्मदा स्नान के दौरान जलस्तर अचानक बढ़ गया और तीन श्रद्धालु—including एक बच्चा—नदी के बीच चट्टानों पर फंस गए। समय रहते चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन से तीनों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
स्नान के दौरान चट्टानों पर फंसे श्रद्धालु
बुधवार सुबह नागरघाट पर नर्मदा स्नान कर रहे विदिशा निवासी 29 वर्षीय बंटी पुत्र दोजराम, 25 वर्षीय सुनील पुत्र किशनलाल और छह वर्षीय अंश नर्मदा के जलस्तर कम होने के कारण चट्टानों पर पहुंच गए थे। अचानक ओंकारेश्वर बांध से पानी छोड़े जाने पर जलस्तर तेजी से बढ़ा और तीनों नदी के बीच फंस गए।
इंजन रहित नाव से नहीं हुआ सफल रेस्क्यू
घटना की सूचना मिलते ही नाविक संघ के सदस्य सेलू बिना इंजन वाली नाव लेकर पहुंचे, लेकिन तेज जलप्रवाह में वह सफल नहीं हो सके। इसके बाद नाविक पिंटू उर्फ पंकज केवट डीजल इंजन वाली नाव लेकर पहुंचे और तीनों को सुरक्षित नगरघाट पहुंचाया गया।
होमगार्ड और एसडीआरएफ ने निभाई अहम भूमिका
रेस्क्यू ऑपरेशन में होमगार्ड के जवान नवल सिंह और एसडीआरएफ के महेश रावत की महत्वपूर्ण भूमिका रही। स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू टीम की तत्परता से बड़ा हादसा टल गया।
हर घाट पर इंजन वाली रेस्क्यू नाव की मांग तेज
स्थानीय लोगों और नाविक संघ ने प्रशासन से मांग की है कि नर्मदा घाटों पर इंजन चालित रेस्क्यू नावों की स्थायी तैनाती की जाए। लोगों का कहना है कि पर्यावरणीय नियमों के चलते डीजल इंजन वाली नावों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है।