News update: रुपयों के विवाद में युवक को 10 घंटे तक पीटा, सात दिन बाद इलाज के दौरान मौत



दैनिक सांध्य बन्धु हरदा।मध्य प्रदेश के हरदा जिले में 29 जून की रात एक 26 वर्षीय युवक मोहित गौर के साथ हुई बर्बरता ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। मामूली लेन-देन के विवाद ने हिंसा का ऐसा रूप ले लिया कि उसे जान से हाथ धोना पड़ा। मोहित का अपहरण कर छह बदमाशों ने उसे करीब 10 घंटे तक बेरहमी से पीटा और अंततः अधमरी हालत में फेंक दिया। गंभीर चोटों के कारण अस्पताल में इलाज के दौरान 7 दिन बाद उसकी मौत हो गई।

लेन-देन के विवाद से शुरू हुआ क्रूर अध्याय

जानकारी के अनुसार, मोहित गौर का कुछ युवकों से रुपयों को लेकर विवाद चल रहा था। 29 जून की रात इन युवकों ने मोहित को जबरन कार में बैठाकर जंगल की ओर ले गए। पहले उसे डराने के लिए गालियां दी गईं, फिर एक सुनसान क्वार्टर में बंद कर घंटों तक क्रूरतापूर्वक पीटा गया। मारपीट में आरोपियों ने बेसबॉल बैट, लोहे की पाइप, बेल्ट और लाइटर का इस्तेमाल किया।

शरीर पर दाग, लाइटर से जलाया गया

हमले की दरिंदगी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हमलावरों ने मोहित के शरीर को लाइटर से दागने तक में संकोच नहीं किया। आरोप है कि इस पूरी योजना को अंजाम देने से पहले बदमाशों ने शराब पी और खुद को 'तैयार' किया। इस दौरान किसी ने मोहित के मोबाइल से वीडियो बनाकर उससे जबरन बयानों की रिकॉर्डिंग भी कराई।

अस्पताल पहुंचा तो बहुत देर हो चुकी थी

घटना के बाद मोहित ने किसी तरह अपने परिवार को फोन कर पूरी घटना बताई। उसे पहले हरदा जिला अस्पताल और बाद में इंदौर रेफर किया गया, लेकिन अत्यधिक अंदरूनी चोटों और शारीरिक शोषण के निशान उसकी मौत का कारण बन गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर गहरे जख्म और जलने के निशान मिले हैं।

पुलिस कार्रवाई और आरोपी गिरफ्तार

हरदा पुलिस ने इस मामले में यूनुस उर्फ कट्टू, शाहरुख और नागेश को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि विवेक, फैजान और हैमर अब भी फरार हैं। एएसपी आर.डी. प्रजापति ने बताया कि पहले आरोपियों के खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन मोहित की मौत के बाद इसे धारा 302 (हत्या) में परिवर्तित कर दिया गया है। पुलिस का कहना है कि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है।

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