दैनिकसांध्य बन्धु भोपाल। राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के कथित अपमान का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नगर निगम के वार्ड-50 कार्यालय परिसर के पीछे स्थित इलाके में 500 से अधिक तिरंगे जलाए जाने का वीडियो शनिवार देर शाम सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो सामने आते ही राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है। कांग्रेस ने इसे गंभीर राष्ट्रीय अपमान बताते हुए सड़क पर उतरकर विरोध दर्ज कराया है, वहीं नगर निगम प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं और घटना से प्लाव दूरी बनाई है।
जलते तिरंगे को बचाने की कोशिश, वार्ड प्रभारी से झड़प
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब झंडों को आग के हवाले किया जा रहा था, तभी एक युवक मौके पर पहुंचा और जलते हुए तिरंगों को बाहर निकालने की कोशिश करने लगा। इसी दौरान उसकी नगर निगम वार्ड प्रभारी विजेंद्र चौहान से कहासुनी और झूमाझटकी हो गई। परंतु तब तक अधिकांश तिरंगे जल चुके थे। घटना का वीडियो उसी युवक ने बनाया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
‘घर-घर तिरंगा’ अभियान के अधूरे झंडे?
सूत्रों की मानें तो ये तिरंगे दो वर्ष पूर्व ‘घर-घर तिरंगा’ अभियान के तहत मंगवाए गए थे, परंतु समय रहते इनका वितरण नहीं हुआ। वर्षों से ये झंडे नगर निगम कार्यालय में जमा रहे। हाल ही में इन्हें 'कचरे' में बदल दिया गया और कथित तौर पर जलाकर नष्ट किया गया। हालांकि निगम प्रशासन इस दावे को खारिज करते हुए कह रहा है कि झंडे किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा लाए गए थे, जिन्हें कार्यालय परिसर के पीछे जला दिया गया।
नगर निगम की सफाई, जांच के आदेश
नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि तिरंगे जलाने की घटना में उनका कोई कर्मचारी शामिल नहीं है। निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण सिंह ने मामले की प्राथमिकता से जांच कराने और जिम्मेदारों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं। वहीं अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि वार्ड प्रभारी द्वारा शाहपुरा थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया गया है।
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन, कार्रवाई की मांग
घटना की खबर सामने आते ही कांग्रेस पार्टी सक्रिय हो गई। कांग्रेस झुग्गी-झोपड़ी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष निकेश सिंह चौहान और वरिष्ठ नेता मोहन यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने 12 नंबर बस स्टॉप पर विरोध प्रदर्शन कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस नेताओं ने इसे "राष्ट्रध्वज का योजनाबद्ध अपमान" बताया और इस पूरे प्रकरण को लेकर नगर निगम पर जवाबदेही तय करने की मांग की है।