दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। कोविड-19 महामारी के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर बिजली उपभोक्ताओं को मिली राहत अब उनके लिए संकट बनती जा रही है। सरकार ने मई 2020 से अगस्त 2023 तक बिजली बिलों में अस्थायी छूट दी थी, लेकिन हजारों उपभोक्ताओं ने इस राहत को स्थायी छूट समझते हुए अब तक बिल जमा नहीं किए। इसके बाद अब मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने ऐसे उपभोक्ताओं पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
बुधवार को जबलपुर सिटी सर्कल के पांचों संभागों में बिजली कंपनी की टीमों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए बकायेदारों के कनेक्शन काटने शुरू कर दिए। जूनियर इंजीनियर शिवानी मिश्रा ने बताया कि अभियान पूर्व में नोटिस देकर चेतावनी देने के बाद शुरू किया गया है। उन्होंने कहा, "शासन द्वारा राहत की अवधि समाप्त हो चुकी है, इसके बावजूद अनेक उपभोक्ताओं ने भुगतान में कोई रुचि नहीं दिखाई। अब ऐसे कनेक्शनों को काटा जा रहा है।"सिटी सर्कल एसई संजय अरोड़ा ने बताया कि कुल 24.93 करोड़ रुपये की राशि उन उपभोक्ताओं के बिलों में बकाया है, जिनके बिल कोरोना काल में स्थगित किए गए थे। इनमें से 7151 उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने अक्टूबर 2023 से अब तक एक रुपया भी भुगतान नहीं किया है। इन पर विशेष रूप से कार्रवाई की जा रही है।
बिजली कंपनी की टीमें घर-घर जाकर मीटर निकाल रही हैं। वहीं, 81201 उपभोक्ताओं की एक और सूची तैयार की गई है, जिनसे अब तक कोई वसूली नहीं हो सकी है। अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि "यह सिर्फ शुरुआत है। आने वाले दिनों में बकायेदारों पर और सख्ती होगी। शासन की राहत को स्थायी माफी समझने की भूल अब भारी पड़ेगी।"