रीवा, मध्यप्रदेश। एक दर्दनाक त्रासदी एक गर्भवती महिला की तड़पते हुए मौत और एक बार फिर सवालों के कटघरे में खड़ी व्यवस्था। यह घटना है रीवा जिले की जवा तहसील के भटिगवां गांव की, जहां एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा के दौरान अस्पताल तक नहीं पहुंच सकी और रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। वजह थी उफनती महना नदी और वह पुल, जो हर बारिश में डूब जाता है।
प्रिया रानी कोल नाम की महिला अपने ससुराल बरहट गांव से मायके भटिगवां आई थी, क्योंकि ससुराल तक पहुंचने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं थी। उम्मीद थी कि मायके में देखभाल और इलाज बेहतर मिलेगा, लेकिन जब रविवार देर रात अचानक तबीयत बिगड़ी और परिजन उसे लेकर जवा अस्पताल के लिए निकले, तब तक बारिश ने रास्ता बंद कर दिया था।
महना नदी बनी मौत की बाधा
महना नदी पर बना छोटा पुल बारिश के पानी में पूरी तरह डूब गया था। एंबुलेंस नहीं, कंधों का सहारा था। महिला दर्द से तड़प रही थी और परिजन मदद के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। दो घंटे तक यही संघर्ष चलता रहा। डॉक्टर को गांव से बुलाया गया, लेकिन जब तक वह पहुंचा, प्रिया की सांसें थम चुकी थीं।
40 किमी का चक्कर, एक शव को घर पहुंचाने के लिए
नदी नहीं पार हो सकी तो परिजन को प्रिया का शव लेकर 40 किलोमीटर का वैकल्पिक लंबा रास्ता तय करना पड़ा ताकि शव को उसके ससुराल पहुंचाया जा सके। सोमवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
समय पर इलाज मिलता, तो बच सकती थी ,परिजन
शोक में डूबे परिवार का गुस्सा अब प्रशासन पर है। मृतका की भाभी शांति कोल कहती हैं, “हर साल बारिश में यही हाल होता है। पुल पर जरा-सी बारिश में पानी बहने लगता है। समय पर इलाज मिल जाता, तो शायद प्रिया बच जाती।” ग्रामीणों का कहना है कि महना नदी पर स्थायी पुल और पक्की सड़क वर्षों से सिर्फ कागजों में है।
कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश
घटना सामने आने के बाद रीवा कलेक्टर डॉ. प्रतिभा पाल ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या जांच से रास्ता खुलेगा या फिर अगली बारिश में कोई और जिंदगी यूं ही बह जाएगी?
बड़ा सवाल: ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा अब भी सिर्फ एक सपना?
यह सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि एक आईना है जिसमें साफ दिखता है कि मध्यप्रदेश के कई ग्रामीण इलाकों में आज भी समय पर स्वास्थ्य सेवा तक पहुंचना एक जंग है। सड़कें हों या पुल, योजनाएं बनती हैं लेकिन ज़मीनी हकीकत हर साल किसी प्रिया जैसी महिला की मौत में तब्दील हो जाती है।