ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने न केवल स्थानीय प्रशासन को चौकन्ना कर दिया है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। हजीरा थाना क्षेत्र के बिरलानगर स्थित लाइन नंबर 13 में रहने वाली एक विवाहिता ने सोमवार को आत्महत्या कर ली। 35 वर्षीय वर्षा जादौन नामक महिला ने अपने चार साल के बेटे को घर से बाहर भेजने के बाद फांसी लगाकर जीवनलीला समाप्त कर ली।
इस आत्महत्या से पहले वर्षा ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जो अब पूरे मामले की धुरी बन गया है। सुसाइड नोट में वर्षा ने भाजपा के पूर्व वरिष्ठ पार्षद के बेटे लोकेंद्र शेखावत पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
सुसाइड नोट में लिखा है—
"मैं वर्षा जादौन, अपनी इच्छा से फांसी लगा रही हूं। मेरी मौत का जिम्मेदार लोकेंद्र शेखावत है। वह मुझे और मेरे बेटे को जान से मारने की धमकी देता था। उसने शादी का वादा कर एक साल तक मेरे साथ संबंध बनाए, लेकिन अब मुकर गया। वह खुलेआम धमकाता था कि उसके पिता बड़े नेता हैं, मंत्रियों से उठ-बैठ है, और मैं उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।"
सूत्रों के अनुसार, वर्षा की शादी 11 साल पहले हुई थी, लेकिन वह बीते कुछ वर्षों से पति से अलग रह रही थी। इसी दौरान उसका संपर्क पड़ोस में रहने वाले लोकेंद्र से हुआ, जो बाद में प्रेम-संबंधों में बदल गया। आरोप है कि लोकेंद्र ने महिला को न केवल धोखा दिया, बल्कि उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित भी करता रहा।
घटना के बाद से लोकेंद्र शेखावत और उसका पूरा परिवार घर से गायब है। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।
सीएसपी ग्वालियर रोबिन जैन ने बताया कि
"सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों के आधार पर जांच जारी है। महिला की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है, लेकिन सुसाइड नोट की पुष्टि होने पर आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
फिलहाल यह मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया है। राजनीतिक रसूख और कानून के दायरे के बीच एक महिला की आत्महत्या कई सवाल खड़े कर रही है। क्या न्याय मिलेगा? क्या आरोपी की पहुंच वाकई कानून से ऊपर है? यह आने वाला वक्त तय करेगा, लेकिन वर्षा की मौत समाज और व्यवस्था दोनों के लिए एक चेतावनी जरूर है।