Jabalpur News: नर्सिंग के बाद अब पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता पर संकट

दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े के बाद अब पैरामेडिकल कॉलेजों की मान्यता भी संदेह के घेरे में आ गई है। जबलपुर हाईकोर्ट में लंबित नर्सिंग घोटाले की सुनवाई के दौरान एक नया आवेदन पेश कर यह दावा किया गया है कि प्रदेश के कई पैरामेडिकल कॉलेजों को नियमों को ताक पर रखकर मान्यता दी गई है, जो एक बड़े शैक्षणिक फर्जीवाड़े की ओर इशारा करता है।

गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान इस नए आवेदन में स्पष्ट किया गया कि जैसे नर्सिंग कॉलेजों में बिना मानकों के अनुमति दी गई, ठीक उसी तरह पैरामेडिकल कॉलेजों को भी बिना उचित प्रक्रिया के मान्यता मिल गई। इस मामले पर शुक्रवार को जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की युगलपीठ सुनवाई करेगी।

इस पूरे मामले की नींव लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल द्वारा दायर याचिका से रखी गई थी, जिसमें उन्होंने प्रदेशभर में नर्सिंग कॉलेजों में भारी अनियमितताओं की शिकायत की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जांच की और शुरुआती जांच में 74 नर्सिंग कॉलेजों में खामियां मिलीं, जबकि दूसरी जांच में यह संख्या बढ़कर 129 हो गई और उनमें गंभीर त्रुटियां पाई गईं।

अब पैरामेडिकल संस्थानों पर भी सवाल उठने से राज्य की स्वास्थ्य शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर कटघरे में खड़ी हो गई है। अगर जांच में आरोप सही पाए गए तो कई कॉलेजों की मान्यता रद्द हो सकती है और हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक सकता है।

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