दैनिक सांध्य बन्धु जबलपुर। जबलपुर में नेपाली नागरिक दीपक थापा को फर्जी भारतीय पहचान पत्र और पासपोर्ट दिलाने के मामले में अब प्रशासन और निर्वाचन से जुड़े कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है। दिल्ली एयरपोर्ट पर पासपोर्ट और मतदाता परिचय पत्र के साथ पकड़े गए दीपक थापा के खिलाफ दर्ज मामले की जांच सिविल लाइंस थाना पुलिस ने तेज कर दी है।
पुलिस ने गुरुवार को रांझी एसडीएम को पत्र भेजकर उस प्रक्रिया की जानकारी मांगी है जिसके तहत दीपक थापा का नाम वर्ष 2019 में केंट विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 99 की मतदाता सूची में दर्ज किया गया था। इससे जुड़ी फाइलों, दस्तावेजों और जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों की जानकारी भी मांगी गई है, जिन्होंने पहचान संबंधी जांच में लापरवाही बरती और उसे मतदाता बना दिया।
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि दीपक थापा मूल रूप से नेपाल का निवासी है और कुछ वर्षों पूर्व भारत आकर जबलपुर के सिविल लाइंस क्षेत्र स्थित पवित्र अपार्टमेंट में रह रहा था। 22 मई को वह नेपाल लौटने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा, जहां सुरक्षा जांच के दौरान संदेह के चलते उसका पासपोर्ट और वोटर आईडी चेक की गई। दस्तावेजों की जांच में यह फर्जीवाड़ा सामने आया और तत्काल उसे हिरासत में ले लिया गया।
चौंकाने वाली बात यह रही कि उसने भारतीय मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के बाद उसी के आधार पर भारतीय पासपोर्ट भी प्राप्त कर लिया। यह जानकारी निर्वाचन आयोग के माध्यम से जिला निर्वाचन कार्यालय और फिर पुलिस तक पहुंची।
सिविल लाइंस थाना प्रभारी की अगुवाई में पुलिस टीम ने पवित्र अपार्टमेंट पहुंचकर दीपक थापा के निवास की पुष्टि की। वहां रहवासियों से पूछताछ की गई और यह पता लगाने का प्रयास किया गया कि वह कब से वहां रह रहा था और उसकी पहचान को प्रमाणित करने वाले लोग कौन थे।
फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले में निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े कर्मचारियों, लोकल अधिकारियों और दस्तावेज सत्यापन से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की छानबीन कर रही है। आशंका है कि जल्द ही कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की जा सकती है।