दैनिक सांध्य बन्धु (एजेन्सी) जालंधर |पंजाब के गौरव और विश्वविख्यात मैराथन धावक फौजा सिंह की दुखद मृत्यु के पीछे का रहस्य महज 30 घंटे में सुलझा लिया गया है। इस केस में जालंधर पुलिस ने एनआरआई अमृतपाल सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार कर लिया है, जोकि दासूपुर, करतारपुर का निवासी है। पुलिस ने उसके कब्जे से वह सफेद फॉर्च्यूनर कार भी बरामद कर ली है, जिसने सोमवार सुबह जालंधर-पठानकोट हाइवे पर फौजा सिंह को टक्कर मारी थी।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ढिल्लों की गिरफ्तारी मंगलवार देर रात की गई। सीसीटीवी फुटेज, घटनास्थल पर मिले हेडलाइट के टुकड़े और डिजिटल ट्रेसिंग ने इस पूरे ऑपरेशन को आसान बना दिया। शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उसका कहना है कि वह हादसे के समय भोगपुर से किशनगढ़ की ओर जा रहा था और कार में अकेला था।
मामले में दर्ज हुई गंभीर धाराएं
इस मामले में अदमपुर पुलिस स्टेशन में धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304-A (गैर इरादतन हत्या) जैसी धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, वाहन को तेज़ी से चलाया गया और टक्कर के बाद बिना रुके घटनास्थल से भागने की पुष्टि हुई है, जो 'हिट एंड रन' की गंभीर श्रेणी में आता है।
‘हिट एंड रन’ में खोया गया भारत का धैर्य और प्रेरणा
114 वर्षीय फौजा सिंह सिर्फ एक धावक नहीं, बल्कि भारत की जीवंत प्रेरणा थे। उन्होंने 100 वर्ष की उम्र में टोरंटो मैराथन पूरी कर दुनिया को चौंका दिया था। उनका जीवन इस बात की मिसाल रहा कि उम्र कभी मंज़िलों की राह में रुकावट नहीं बनती।
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