
दैनिक सांध्य बन्धु नई दिल्ली ( एजेंसी )। केंद्र सरकार ने सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक अहम कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31जुलाई को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के लिए 2000करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है। यह योजना 2025-26से 2028-29तक चार सालों की अवधि के लिए लागू होगी। इस फैसले की जानकारी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी।
एनसीडीसी योजना का उद्देश्य और महत्व
बता दें, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) की स्थापना 1963में सहकारी समितियों के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। यह निगम कृषि, डेयरी, मत्स्य पालन, पशुधन, चीनी, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण और कोल्ड स्टोरेज जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी समितियों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
2000करोड़ रुपये की इस वित्तीय सहायता का उद्देश्य सहकारी समितियों की कार्यक्षमता को बढ़ाना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करना है। सरकार का अनुमान है कि इस पहल से देश भर में 13,288सहकारी समितियों के लगभग 2.9करोड़ सदस्यों को लाभ होगा। विशेष रूप से श्रम और महिला नेतृत्व वाली सहकारी समितियों को इस योजना से प्रोत्साहन मिलेगा।
किस क्षेत्र को मिलेगा लाभ
1. डेयरी और पशुधन: दूध उत्पादन और पशुपालन से जुड़ी सहकारी समितियों को आर्थिक सहायता मिलेगी।
2. मत्स्य पालन: मछली पालन से जुड़े सहकारी समुदायों को बेहतर संसाधन उपलब्ध होंगे।
3. चीनी और कपड़ा: चीनी मिलों और कपड़ा उत्पादन से जुड़ी सहकारी समितियों को कार्यशील पूंजी और बुनियादी ढांचे के लिए वित्त पोषण मिलेगा।
4. खाद्य प्रसंस्करण और भंडारण: कोल्ड स्टोरेज और गोदामों जैसी सुविधाओं के विकास से खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में सुधार होगा।
अश्विनी वैष्णव ने क्या कहा?
सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया 'एक अच्छे वित्तीय मॉडल को और अधिक समर्थन देने के लिए, मंत्रिमंडल ने एनसीडीसी के लिए चार वर्षों के लिए 2,000 करोड़ रुपये की पूंजी अनुदान सहायता को मंजूरी दी।' उन्होंने बताया कि इस वित्तीय सहायता से एनसीडीसी आगे ऋण देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त जुटाने में सक्षम हो सकेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एनसीडीसी की ऋण वसूली दर 99.8 प्रतिशत है और एनपीए शून्य है।